All India Principal Conference at Sainik School Tilaiya Focuses on Educational Excellence and National Defense अकादमिक प्रशिक्षण की गुणवता को परिष्कृत करने की जरूरत: संजय सेठ, Kodarma Hindi News - Hindustan
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अकादमिक प्रशिक्षण की गुणवता को परिष्कृत करने की जरूरत: संजय सेठ

(फोटो: 2 में दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उदघाटन करते मुख्य अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, फोटो: 3 में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ मुख्य अतिथि का स्वाग

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाWed, 9 April 2025 02:30 AM
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अकादमिक प्रशिक्षण की गुणवता को परिष्कृत करने की जरूरत: संजय सेठ

चंदवारा निज प्रतिनिधि। झारखंड की माटी पर अवस्थित भारत का गौरव सैनिक स्कूल तिलैया में मंगलवार को तीन दिनी अखिल भारतीय प्राचार्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। शुभारंभ संयुक्त सचिव, सैनिक स्कूल सोसायटी, रक्षा मंत्रालय के औपचारिक स्वागत संबोधन के साथ हुआ। यह सम्मेलन पूरे भारतवर्ष में सैनिक स्कूलों की उत्पादकता और नयी शिक्षा नीति के दृष्टिगत नवोन्मेष रचनात्मकता को केंद्रीय करके किया जा रहा है। सैनिक स्कूल राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के प्रवेश-‌द्वार माने जाते हैं, जो भारतीय सेना के अधिकारी कैडर में भारत के हर क्षेत्र- हर वर्ग का प्रतिभाग सुनिश्चित करते हैं। यह सम्मेलन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के प्रति इसी प्रतिभाग और उत्पादकता को अभीष्ट रखकर आयोजित है। बतौर मुख्य अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्थित हुए। उन्होंने राष्ट्र के अमर बलिदानी सपूतों अमर तिलैयन पर पुष्प-चक्र चढ़ाकर और श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया। इसके बाद मुख्य अतिथि को सैन्य-छात्राओं ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया। सम्मेलन के दौरान मुख्य अतिथि ने उपस्थित गणमान्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए सर्वोत्कृष्ठ प्रदर्शन के निहितार्थ, अति महत्वाकांक्षी बहुप्रतीक्षित रक्षा राज्य मंत्री ट्रॉफी 2023-24 और 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा 2022-23, 2023-24 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शैक्षिक उत्कृष्ठता ट्रॉफी प्रदान किया। सैनिक स्कूलों की प्रगति समीक्षा की गयी। अपने समीक्षा संबोधन के दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि सैनिक स्कूलों को अपनी स्थापना के मुख्य उ‌द्देश्यों को स्मृति में रखते हुए अकादमिक प्रशिक्षण की गुणवता को परिष्कृत करने की जरूरत है। आज सैनिक स्कूलों को प्रत्येक बालक-बालिका को केंद्रित करते हुए अत्यंत प्रयोगधर्मा, रोजगारपरक शिक्षण-प्रशिक्षण की आवश्यकता है, तभी संतुलित- बहुस्तरीय प्रतिभा का विकास संभव होगा। उन्होंने कहा कि अपेक्षा यह भी की जाती है कि तात्कालिक प्रतिस्पर्धी परिवेश में अपने सैन्य-छात्रों को शैक्षिक-शिक्षणेतर तैयारियों के साथ-साथ व्यक्तित्व, चरित्र,विश्व कल्याण के विशद आलोक के लिए सृजित करें। मुख्य अतिथि ने स्कूल के सुरम्य परिसर का अनौपचारिक भ्रमण किया और सैन्य-छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कैडेट-मेस में दोपहर का भोजन किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस बहु दिवसीय सम्मेलन के गर्भ में राष्ट्र-कल्याण व सेवा के निमित कई योजनाएं पल रही है। संभवतः आगामी भविष्य में सैनिक स्कूल, भारत के हर कोने से मातृ‌भूमि को समर्पित सैन्य मानसिकता वाले युवक-युवतियों को आकार दें। यह अपेक्षा की जाती है।

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