किसानों को साल रहा कांजी हाउस का घोर अभाव
बेतला क्षेत्र के किसानों को कांजी हाउस की कमी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि लावारिस पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने से उनकी मेहनत बेकार हो रही है। 1960-70 के दशक में कांजी हाउस...

बेतला, प्रतिनिधि। क्षेत्र में कांजी हाउस की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को कांजी हाउस का घोर अभाव बुरी तरह से सालता है। इसबारे में ग्राम सरईडीह के किसान रघुनाथ सिंह,दिनेश मेहता,पति यादव,शरीफ मियां,कमरुद्दीन अंसारी,केचकी के जगनारायण सिंह, विजयमल सिंह,यमुना सिंह,कंचनपुर के ईश्वरी सिंह, धनेश्वर सिंह, सौदागर सिंह,कुटमू के विजय सिंह,राज कुमार सिंह,जयगोविंद मिस्त्री, सत्यनारायण सिंह आदि ने कहा कि वे लावारिस पशुओं द्वारा खेतों में लगी फसलों की चराई से काफी परेशान हैं।क्योंकि कमरतोड़ महंगाई के इस युग में कड़ी मशक्कत के बाद खेतों में लगाई गई फसलों को आवारा पशु चट कर देते हैं। किसानों ने कहा कि यदि क्षेत्र कांजी हाउस की व्यवस्था होती तो उन्हें इस तरह की परेशानी नहीं होती। वहीं क्षेत्र के बुजुर्ग राघव शरण सिंह,छेदीलाल साव,फौजदार सिंह आदि ने बताया कि वर्ष 1960-70 के दशक तक ग्राम पोखरीकला में कांजी हाउस की व्यवस्था थी।उस वक्त किसान बिंदास हो खेती करते थे। क्योंकि उस समय के पशुपालकों को पशुओं को लावारिस पकड़े जाने पर कांजी हाउस में जुर्माना भरने की चिंता सताती रहती थी। पर अब कांजी हाउस की व्यवस्था खत्म होने से किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
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