दादा-दादी, नाना-नानी हमारे जीवन के स्तंभ होते हैं: प्रधानाचार्य
लोहरदगा से न्यूज मैटर फाइल संख्या सात--02 मई दादा-दादी, नाना-नानी हमारे जीवन के स्तंभ

सेन्हा, प्रतिनिधि। लोहरदगा सेन्हा प्रखंड के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शुक्रवार को दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत समिति के अध्यक्ष सुदेश्वर साहू, सहसचिव विजय सोनी, संस्थापक सदस्य रामलाल महतो, विद्यालय के प्रधानाचार्य विमलेश कुमार तिवारी और अभिभावक रामचंद्र भगत ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर पुष्प अर्पित किया। कक्षा नवम और दशम के छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद आगत अतिथियों का परिचय प्रधानाचार्य के द्वारा कराया गया।दादा-दादी और नाना-नानी को तिलक लगाकर और माला पहनाकर सभी दादा-दादी, नाना-नानी को अंगवस्त्र भेंट दे कर सम्मानित किया गया।दादा-दादी, नाना-नानी हमारे जीवन के स्तंभ होते हैं।
यह बातें विद्यालय के प्रधानाचार्य विमलेश कुमार तिवारी ने कहीं। आज भी दादा-दादी और नाना-नानी बच्चों के सर्वाधिक प्रिय होते हैं। उनके प्रेम मार्गदर्शन और आशीर्वाद हमें जीवन के कठिन रास्तों पर आगे बढ़ने की ताकत देते हैं। जीवन में इनके अनुभव और प्रेरणा से हर कुछ न कुछ सीखने का अवसर मिलता है। पारंपरिक कहानियां सुन कर बच्चे आज भी काफी खुश होते हैं। सह सचिव विजय सोनी ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में बुजुर्गों का सम्मान और स्नेह की अति आवश्यक है। कक्षा पंचम के बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर प्रभावकारी नाट्य रूपांतरण के रूप में पेड़ बचाव अभियान प्रस्तुत किया गया।विद्यार्थियों ने दादा-दादी, नाना-नानी के पैर धोकर उन्हें तिलक लगा कर वंदन किया। पैर छूकर इनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। मिठाई खिलाया गया।
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