एक साल में खत्म हो जाएंगे नक्सली, झारखंड में सरकार खर्च करेगी 125 करोड़ रुपए; क्या है प्लान
झारखंड के नक्सल प्रभाव वाले जिलों में अभियान समेत अन्य मामलों में साल 2025-26 में 125.54 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा इस संबंध में राशि निर्गत कर दी गई है। अगले साल मार्च तक नक्सल को खत्म करने का प्लान है।

झारखंड के नक्सल प्रभाव वाले जिलों में अभियान समेत अन्य मामलों में साल 2025-26 में 125.54 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा इस संबंध में राशि निर्गत कर दी गई है। जिसके बाद राज्य सरकार के गृह विभाग ने इन पैसों को खर्च करने को लेकर पुलिस मुख्यालय को आदेश जारी किया है।
नक्सल प्रभाव वाले जिलों में नक्सल अभियान, उससे जुड़े लॉजिस्टिक सपोर्ट, नए कैंपों के निर्माण, गुप्तचरों, संचार, हथियार की खरीद समेत अन्य मामलों पर यह राशि खर्च की जाएगी। राज्य के एक घोर नक्सल प्रभाव वाले जिले पश्चिमी सिंहभूम समेत आठ उग्रवाद प्रभावित जिलों में यह राशि एसआरई स्कीम के तहत खर्च होगी। वहीं, भारत सरकार ने झारखंड समेत अन्य उग्रवाद प्रभावित राज्यों में विशेष केंद्रीय सहायता योजना का विस्तार भी किया है। इस योजना के तहत 100 करोड़ की राशि प्रस्तावित है।
माओवादियों ने शांति वार्ता के लिए दिया प्रस्ताव
भाकपा माओवादियों ने शांतिवार्ता के लिए फिर से पहल की है। माओवादियों के उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस संबंध में बयान जारी किया है। हालांकि माओवादियों की शर्त इसके लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को रोकने की है।
मार्च 2026 तक नक्सल मुक्ति का लक्ष्य
भारत सरकार ने मार्च 2026 तक झारखंड समेत देश के सभी राज्यों से नक्सल मुक्ति का टारगेट रखा है। राज्य में रोजाना चल रहे नक्सल अभियान की मॉनिटरिंग भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा की जाती है। चाईबासा में वर्तमान मेंउग्रवादियों का जमावड़ा है, रोजाना उस इलाके में केंद्रीय बलों की मदद से नक्सल अभियान चलाया जा रहा।
बता दें की छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार ऐक्शन जारी है। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक सैकड़ों नक्सलियों को एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है। इस दौरान सैकड़ों नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर भी किया है।