बोले पलामू-नाम का है शहर, स्थिति तो गांव से भी बदतर
मेदिनीनगर में बोले पलामू कार्यक्रम के दौरान परेशानियों को साझा करते प्रबुद्धजन। मेदिनीनगर और
मेदिनीनगर और इसके उपनगरीय क्षेत्र का दायरा बढ़कर करीब 125 वर्ग किलोमीटर का हो चुका है। इसके कारण कोर सिटी की बुनियादी सुविधाओं पर काफी दबाव बढ़ा है। दूसरी तरफ खास महाल जमीन लीज प्रक्रिया का सहज निदान नहीं निकलने के कारण पुरानी शहर का तेजी से अपग्रेडेशन भी नहीं हो पा रहा है। इसके कारण, मेदिनीनगर में आम जनता, सड़क, अस्त-व्यस्त बाजार, खुले में मांस-मछली की बिक्री, खुली नालियां, मच्छरों का भयानक प्रकोप, खराब स्ट्रीट लाइट, छोटे बस-स्टैंड आदि से जूझ रही हैं। हिन्दुस्तान के बोले पलामू कार्यक्रम के क्रम में शहर के युवा व्यवसायियों ने शहर की समस्याओं को उठाया मेदिनीनगर। गरमी शुरू होते ही शहरवासियों को मच्छर सताने लगा है। खुले में मांस-मछली की बिक्री को अबतक व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। नालियों को ढकने के काम महात्मा गांधी मार्ग में भी पूरा नहीं किया जा सका है। सड़क व नालियों की नियमित सफाई भी समुचित रूप से नहीं हो पा रहा है। दीनदयाल मार्ग को फिर से आम जनता के लिए खोलने की मांग को अबतक पूरा नहीं किया जा सका है।
साथ ही खासमहाल से जुड़ी परेशानियों का भी निदान नहीं निकाला जा सका है। शहर को जाम के झाम से मुक्ति दिलाने, स्ट्रीट लाइट दुरुस्त करने, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था प्रत्येक घर तक पाइप लाइन के माध्यम से करने का लक्ष्य भी अधूरा है। मेदिनीनगर सिटी का दायरा 2017 में बढ़ाते हुए इसे नगर निगम का दर्जा दिया गया था। पिछले आठ सालों में तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होने से मेदिनीनगर नगर निगम के उपनगरीय क्षेत्र में भी आबादी और व्यवसायिक गतिविधि काफी बढ़ी है। इससे लोगों की अपेक्षाएं भी बढ़ी है परंतु वह पूरी नहीं हो पा रही है। नगर निगम में अपग्रेडेशन के बाद लोगों ने विकसित, समृद्ध, सशक्त और स्वच्छ मेदिनीनगर की परिकल्पना किया था परंतु बुनियादी समस्याओं से उनका जूझना जारी है।
मेदिनीनगर शहर की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है मगर आबादी को व्यवस्थित करने के लिए प्रशासन स्तर से कोई विशेष पहल नहीं हो रही है। सड़कों पर बेतरतीब गाड़ियां का परिचालन और पार्किंग समस्याओं को जटिल बना रहा है। यातायात नियंत्रण के लिए आवश्यक पहल अबतक नहीं की गई है। शहर के 60% से ज्यादा हिस्से गर्मी के प्रारंभिक दौर में ही जल-संकट की ओर बढ़ चले हैं। आबादगंज, बैरिया, बारालोटा, रेडमा, निमिया सहित अन्य मोहल्ले में अप्रैल से ही पानी के लिए टैंकर मंगाए जाने लगे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने शहर में पेयजल की आपूर्ति सामान्य रखने का प्रयास कर रहे हैं परंतु जल संकट गहराने की आशंका अब भी बनी हुई है।मेदिनीनगर कोर सिटी में मल्टीस्टोरेज बिल्डिंग लगातार बढ़ रहे हैं परंतु उनमें पार्किंग के लिए प्रस्तावित जगह भी अधिकांश जगह समाप्त कर दिया गया है। पार्किंग प्लेस में दुकान बनाकर उससे व्यवसाय किया जा रहा है। संबंधित भवनों में संचालित प्रतिष्ठानों के कर्मियों की गाड़ियां मुख्य सड़क पर पार्क हो रही है। इससे मेदिनीनगर मुख्य बाजार क्षेत्र प्रत्येक दिन जाम आम बात हो गई है। स्कूल बस के समय में गाड़ियां रेंगने लगती है। शहर के बच्चों के लिए कोई सुविधायुक्त खेल मैदान उपलब्ध नहीं है। इसके कारण खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास का मौका नहीं मिल पा रहा है। खेल टूर्नामेंट आयोजन में विभिन्न संघों की कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शहर के युवा व्यवसायी और सामाजिक कार्य में रूची लेने वाले युवा जो खुला मंच नामक समूह से जुड़कर लगातार शहर को बेहतर बनाने के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं। हिन्दुस्तान अखबार के साथ चर्चा करते हुए लोगों ने कहा कि प्रमुख चौक-चौराहे सहित विभिन्न स्थानों का बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण मुक्त करने से शहर की खूबसूरती में चार चांद लगेगी। सड़क चौड़े होंगे तो जाम की समस्या का भी निदान निकलेगा। पर्याप्त जगह मिलने से शहर सही तरीके से सांस भी ले पाएगा।
शहर में खुले में मांस बिक्री पर लगे प्रतिबंध
सार्वजनिक जगहों, मंदिर और शैक्षिक संस्थानों के बगल में खुले में मांस लंबे समय से बेचे जा रहे है। इसके विरोध में कई बार आवाज भी मेदिनीनगर सिटी के निवासियों ने उठाई परंतु अबतक निदान नहीं निकल सका है। जिला मुख्यालय सिटी मेदिनीनगर में पैदल निकलने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थान पर खुले में मांस-मछली बिक्री से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने कहा कि प्रमुख त्योहार के दिन मांस की दुकानें बंद होने चाहिए ताकि लोगों को पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्यों में सहुलियत हो। साथ ही लोगों को दुर्गंध से भी निजात मिल सकेगी।
स्वच्छ मेदिनीनगर की परिकल्पना हो सरकार
नगर निगम गठन के बाद लोगों ने स्वच्छ व समृद्ध शहर की परिकल्पना की थी, मगर लंबे समय व्यतीत होने के बाद भी सार्वजनिक स्थान पर भी नियमित सफाई नहीं हो पाती है। अस्पताल, शैक्षिक संस्थान, मुख्य बाजार में भी गंदगी पसरी रहती है। शहर में स्थापित किए गए महापुरुषों की मूर्तियों पर भी धूल जमे रहते है। सड़क के किनारे कचरे के ढेर हैं। इसमें गंदे जानवर चारा ढूंढते रहते हैं और अक्सर आक्रामक हो जाते हैं। इसका नुकसान कई बार आम बुजुर्ग और बच्चों को ज्यादा झेलना पड़ता है। मच्छरों का आतंक भी इससे बढ़ गया है। लोगों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बाजार क्षेत्र में बढ़ा अतिक्रमण
मेदिनीनगर शहर के मुख्य बाजार में फिर से ह्वाइट लाइनिंग के बाहर दुकान लगाना शुरू हो गया है। ह्वाइट लाइन के आसपास बिजली पोल गाड़े जाने के कारण सड़क पर दुकान लगाने वाले इसे अधिकृत क्षेत्र मानकर दुकान लगा रहे हैं। इससे पुन: अतिक्रमण बढ़ने लगा है। विभिन्न भवनों में दुकान संचालन करने वाले जाम की समस्या से कारोबार में आ रही कमी से परेशान हैं। दुकानदारों ने कहा कि टैक्स नियमित रूप से भरने के बावजूद समस्या का निदान नहीं निकल पा रहा है।
जल संकट का निदान हो
मेदिनीनगर सिटी में जल-संकट का निदान नहीं निकल सका है। अब भी 20 प्रतिशत परिवारों को ही पाइप लाइन से जलापूर्ति की जा रही है। जलापूर्ति की क्वालिटी भी बेहतर नहीं है। इसके कारण लोगों को डब्बाबंद पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। शहर में डब्बाबंद की मांग बढ़ने से उसकी कीमत भी बढ़ती जा रही है। शहर में बीच सड़क पर गाड़ी खड़ाकर पानी के कारोबारी दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में पानी आपूर्ति करते रहते हैं। शहर में पेयजल संकट का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए ताकि लोग परेशानी से बच सकें।
समस्याएं
1. शहर के प्रमुख चौराहों पर खुले में मांस की बिक्री की जा रही है। इससे राहगीरों व दुकानदारों को भारी परेशानी होती है।
2. शहर में आए दिन जाम से लोग परेशान रहती है। स्कूल टाइमिंग के दौरान प्रमुख चौराहों पर लगता है जाम।
3. शहर के प्रमुख चौराहे अतिक्रमण का दंश झेल रहे हैं। शहर सिकुड़ सा दिखता है। चौराहे से गुजरनेमें होती है परेशानी।
4. गर्मी शुरू होते ही शहर के 60- 70 % हिस्से में जलसंकट पैदा हो जाता है। लोगों का काफी समय पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जाता है।
सुझाव
1. शहर के प्रमुख चौराहों पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि लोगों को कोई समस्या न हो।
2. ट्रैफिक में तैनात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे बेहतर रूप से ट्रैफिक का संचालन कर सकें।
3. मुख्यालय में पेयजल की स्थाई सुविधा के लिए विशेष पहल की आवश्यकता है ताकि लोगों को पेयजल की प्राप्ति हो सके।
4. मुख्यालय के चौक चौराहे प्रमुख स्थान को अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए जिससे गतिविधियां बढ़ेगी और शहर की खूबसूरती में चार चांद भी लगेगा
इनकी भी सुनिए
खुले में मांस बिक्री की समस्या का निदान निकालने की दिशा में पहल की जा रही है। पेयजल संकट भी नियंत्रण में रहे इस दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर शहरवासियों को सुविधा देने की दिशा में नगर निगम प्रशासन लगातार सक्रिय है।
विश्वजीत महतो, सहायक नगर आयुक्त
मेदिनीनगर में नगरीय सुविधाओं को बेहतर करने की जरूरत है। खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगे। मच्छरों का आतंक खत्म किया जाना चाहिए। रोजगार सृजन के लिए विशेष पहल होनी चाहिए, ताकि विभिन्न चौराहा श्रमिकों को सुनियोजित रोजगार मिल सके।
नवदीप सिंह, अध्यक्ष, खुला मंच
नदी के किनारे स्थित होने के बावजूद शहर में पानी की किल्लत से गर्मी में हाहाकार मच जाता है। इसके स्थाई समाधान के लिए प्रशासन को प्रयास करना चाहिए। ट्विंकल गुप्ता
निगम में तब्दील होने के बाद ऊंचे टैक्स भरने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं होना दुखद है प्रतिनिधियों को त्वरित संज्ञान लेना चाहिए।
नवीन तिवारी
पूरे शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। इनके प्रभाव में बच्चे,युवा और बूढ़े आ जाते है । नगर निगम को तत्काल फॉगिंग मशीन द्वारा छिड़काव करना चाहिए।
मन्नत सिंह बग्गा
पानी की किल्लत से जूझ रहे शहर में अधिकारियों को जलस्तर बढ़ाने सहित नदी को बांधने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि जलस्तर कायम रह सके । नवीन गुप्ता
गर्मी के शुरूमें ही पानी की कमी से आधा शहर गांव की ओर पलायन कर जाता है जिससे शहर की व्यावसायिक गतिविधियां और शिक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ता है । मिनी सिंह
शहर में अनियंत्रित भीड़ और ट्रैफिक से आम लोग त्रस्त है । इससे परेशानी होती है। जिला स्कूल के टंकी से आपूर्ति वाले क्षेत्र के लोग अनियमित आपूर्ति से प्रभावित है । अमर सहाय शहर को खास महल की समस्या से स्थाई समाधान दिलाना आवश्यक है। जनप्रतिनिधियों को समन्वय स्थापित कर इसके समाधान पर प्रयास करना चाहिए।
गुरबीर सिंह
सुभाषचंद्र चौक पर बिरयानी सहित मांस की दुकान होने से बड़ी गाड़ियां आकर खड़ी हो जाती है और यह जाम का प्रमुख कारण है। इससे लोगों को परेशानी होती है।
विजय प्रसाद
गर्मी के तपिश को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था निगम प्रशासन को करनी चाहिए। ताकि लोगों को पेयजल के लिए भटकना न पड़े।
अरविंद अग्रवाल
कोयल नदी में शहर के अपशिष्ट पदार्थों को सीधे रूप से छोड़ दिया जाता है जिससे नदी का जल प्रदूषित हो गया है । इसपर तत्काल रोक लगानी चाहिए।
सिंटू सिंह
शहर में मंदिर और सार्वजनिक स्थानों के ठीक बगल में खुले में मांस बेचा जा रहा है जो सरासर गलत है। प्रशासन को तुरंत इनकी बिक्री पर रोक लगानी चाहिए।
राहुल मिश्रा
शहर के बड़े तालाब में हुए कब्जे आदि को भी अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए जिससे शहर की स्थितियां बेहतर हो सके और लोग राहत की सांस ले सकें।
रितेश कुमार टिंकू
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