लेस्लीगंज बहु-ग्राम जलापूर्ति योजना से नहीं मिल रहा सबको पानी
नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड मुख्यालय मेदिनीनगर सिटी से महज 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब 200 साल पुराना कस्बा है। परंतु पाइप लाइन से जलापूर्ति व्यवस

मेदिनीनगर, हिन्दुस्तान टीम। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पलामू जिले के नीलांबर-पीतांबर प्रखंड मुख्यालय कस्बा लेस्लीगंज और आसपास के 32 गांव में जल-संकट गहराने लगा है। 25 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से निमित लेस्लीगंज बहु-ग्राम जलापूर्ति योजना भी सबके घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है। इस योजना के तहत 6600 के घरों में कनेक्शन दिया गया है परंतु 5000 लोगों के घरों तक ही पानी पहुंच पा रहा है परंतु पर्याप्त पानी 1000 परिवारों को ही मिल पा रहा है। उपभोक्ताओं का दर्द है कि उन्हे जलकर देने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है दूसरी तरफ बहु-ग्राम जलापूर्ति समिति के सदस्यों का कहना है कि करीब 3000 कनेक्शनधारियों ने मानक व्यास से बड़ा नोजल लगाकर मोटरपंप से पानी खींच ले रहे हैं। इसके कारण जलसंकट पैदा हो जा रहा है।
उपभोक्ता और जलापूर्ति समिति के सदस्यों ने कहा कि योजना का निर्माण भी गुणवता के साथ नहीं किया गया है। जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने के दौरान भी बीओक्यू के अनुरूप काम नहीं किया गया है। गांव के सभी टोले व घरों तक पाइप लाइन नहीं बिछाया गया है। इसके कारण सभी के घरों तक पानी पहुंच नहीं पा रहा है। पानीटंकी के आसपास के गांव के परिवार मोटरपंप के माध्यम से पाइप लाइन से पानी खींच लेते हैं। इसके कारण पानी-टंकी से दूर के गांव में निवास करने वाले परिवारों को अपेक्षित पानी नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण संबंधित परिवार जलकर देने से इनकार करने लगे हैं। जलकर वसूली में कमी आने से बहुग्राम जलापूर्ति समिति के पास कर के पैसे नहीं आ पा रहे हैं। इसके कारण फिटकिरी, चूना, ब्लिचिंग पाउडर आदि की खरीदारी जरूरत के अनुरूप नहीं हो पा रहा है।
लेस्लीगंज बहु-ग्राम जलापूर्ति से संबंधित लोगों ने बताया कि पैसा की कमी के कारण न सिर्फ केमिकल की खरीदारी नहीं हो पा रही है वरन जलापूर्ति प्रक्रिया का संचालन करने से जुड़े कर्मियों को नियमित मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इससे क्षुब्ध होकर कई-कई दिनों तक वे लोग काम बंद देते हैं। पिछले करीब एक साल से बगैर फिटकिरी के केवल चूना और ब्लिचिंग पाउटर से पानी की सफाई कर आपूर्ति की जा रही है। उपभोक्ताओं के कहा कि पाइप लाइन से शैवाल, गंदगी आना आम बात हो गया है। गर्मी के महीनों में कई-कई दिनों तक जलापूर्ति नहीं की जाती है।
समिति के सदस्यों ने बताया के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग योजना के संचालन के प्रति उदासीन बना हुआ है। पानी चोरी करने वालों की जानकारी समिति के पास है परंतु उसके पास पुलिस की ताकत नहीं है, इसके कारण संबंधित लोगों को गलत काम करने से वे रोक नहीं पा रहे हैं। समिति के अनुसार पानी का उठाव के लिए मलय नदी में गुरियादामर में इनटेक वेल बना हुआ है जबकि वाटर ट्रीटमेंट कोटखास गांव में बना हुआ है। जलमीनार, लेस्लीगंज बाजार, धनगांव और झगरपुर में बना हुआ है। लेस्लीगंज और धनगांव का जलमीनार 5-5 लाख लीटर क्षमता का है जबकि झगरपुर का जलमीनार 3.5 लाख लीटर है। उपभोक्ताओं ने कहा कि मेदिनीनगर-पांकी स्टेट हाइवे के उत्तर साइड में कोई जलमीनार नहीं बनाया गया है। इसके कारण संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
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