श्री अग्रसेन स्कूल में मनाई गई महावीर जयंती
श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में भगवान महावीर की जयंती मनाई गई। विद्यार्थियों को उनके जीवन और अहिंसा की शिक्षा दी गई। साधना सिन्हा ने बताया कि महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं। आचार्य लीलेश्वर...

भुरकुंडा, निज प्रतिनिधि। श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में गुरुवार को भगवान महावीर की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विशेष प्रातः सभा में विद्यार्थियों को भगवान महावीर के जीवन से अवगत कराया गया। इसके अलावा कक्षाओं में विशेष कार्यक्रम का आयोजन करते हुए विद्यार्थियों को भगवान महावीर का जीवन परिचय कराया गया। साधना सिन्हा ने बताया कि भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और आखिरी तीर्थंकर हैं। उन्होंने 30 वर्ष की आयु में गृह त्याग कर दिया था। इसके बाद 12 वर्षों तक तपस्या करते हुए उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति की थी। विद्यार्थियों को भगवान महावीर की अहिंसा और करुणा की शिक्षा का सार समझाया। दुनिया में भगवान महावीर के सिद्धांत की प्रासंगिकता के बारे में बताया गया। आचार्य लीलेश्वर पांडेय ने कहा कि महावीर जयंती मनाए जाने का मूल कारण उनके ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना है। आज की दुनिया को भगवान महावीर के मार्ग पर चलने की जरूरत है। उनके सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उस पर चलने की प्रेरणा शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से दी।
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