ध्वनि प्रदूषण रोकथाम पर जिलों में हुई कार्रवाई की सरकार ने हाईकोर्ट को नहीं दी जानकारी
रांची उच्च न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए की गई कार्रवाई की जानकारी केवल रांची जिले तक सीमित रहने पर सरकार से नाराजगी जताई। कोर्ट ने आदेश का पालन न करने पर सवाल उठाते हुए सरकार को 6 मई तक सभी...

रांची, विशेष संवाददाता। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सिर्फ रांची जिले में की गई कार्रवाई की जानकारी सरकार द्वारा दिए जाने पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने फिर नाराजगी जतायी। सरकार से पूछा कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पर्व पर राज्य के जिलों में ध्वनि प्रदूषण रोकने के कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका देते हुए छह मई तक सभी जिलों में की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है। पिछली सुनवाई को ही कोर्ट ने सरकार से त्योहारों पर सभी जिलों में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा था, लेकिन मंगलवार को सरकार ने सिर्फ रांची जिले की ही जानकारी दी।
ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सिविल सोसायटी ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें ध्वनि प्रदूषण अधिनियम वर्ष 2000 के तहत निर्धारित मानकों का झारखंड में उल्लंघन होने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि रेजिडेंशियल, कमर्शियल एवं इंडस्ट्रियल एरिया में ध्वनि के मानक निर्धारित किए गए हैं। लेकिन इन जगहों पर निर्धारित मानकों से काफी अधिक डेसिबल मिल रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण होने पर सरकार की ओर से रोकने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
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