पुलिस वाहन से दुर्घटना के बाद सरकार को मुआवजा देने निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा-वाहन चालक की लापरवाही से हुई है दुर्घटना, मृतकों के वाहन का बीमा नहीं रहने के बाद भी देना होगा मुआवजा

रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस विभाग की गाड़ी से हुई दुर्घटना में दो युवाओं की मौत के मामले में राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस विभाग के वाहन के चालक की लापरवाही से हुई दुर्घटना में विभाग की जिम्मेदारी बनती है, भले ही वाहन का बीमा नहीं था। कोर्ट ने राज्य सरकार से मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए बेहतर मुआवजा व्यवस्था बनाने पर विचार करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों के हितों की रक्षा के लिए एक स्पष्ट नीति बनाए।
मामला 11 जुलाई 2013 का है। खूंटी जिले के तोरपा थाना क्षेत्र में चुरगी पुल के पास एक पुलिस गाड़ी ने दो मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मार दी, जिसमें अमित आइंद (18 वर्ष) और रोशन गुड़िया (22 वर्ष) की मौत हो गई। पीड़ितों के परिजनों ने मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल में मुआवजे का दावा किया था, जिसे ट्रिब्यूनल ने स्वीकार करते हुए प्रत्येक परिवार को 3,48,880 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। पुलिस विभाग ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस विभाग के वाहन का चालक अपनी सेवा के दौरान लापरवाही से वाहन चला रहा था, इसलिए विभाग उसके कार्यों के लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि दुर्घटना गाड़ी की लापरवाही से हुई थी और इसके लिए राज्य सरकार जवाबदेह है। कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के आदेश को बरकरार रखते हुए पुलिस विभाग की अपील खारिज कर दी।
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