आदेश के बावूजद वित्तरहित संस्थानों के खाते में नहीं जा रही राशि
तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने जारी कर दिया था आदेश, अचानक तबीयत खराब होने और निधन के बाद दबा दी गई फाइल

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड के वित्तरहित संस्थानों के लिए आदेश के बाद भी खाते में सीधे राशि नहीं जा रही है। फाइल में यह आदेश तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दे दिया था, लेकिन प्रोसिडिंग जारी नहीं हो सकी। तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की अचानक तबीयत खराब होने और निधन के बाद फाइल स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग में दब गई। नतीजा यह कि वित्तरहित संस्थानों को चार साल बाद भी सीधे खाता में राशि नहीं जा पा रही है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 27 मार्च 2020 को ही फाइल में स्पष्ट कर दिया था कि जिन इंटर कॉलेजों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, उन कॉलेजों के शासी निकाय के बैंक खाते में सीधे स्वीकृत अनुदान की राशि हस्तांतरित की जाएगी। आदेश दिए जाने के बाद उसका पालन किया जाना था, लेकिन नहीं किया जा सका। न तो उस साल हुआ और न ही अगले पांच सालों में ऐसा किया गया। आज भी राशि जिलों में कोषागार को जाती है। इसके बाद, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन के बाद राशि कोषागार से संस्थानों के खाते में जाती है। इसमें कुछ दिनों की प्रक्रिया होती है, जिससे राशि लैप्स होने का खतरा रहता है। वित्तरहित संस्थानों की मानें तो एक मुश्त अनुदान जारी करने के लिए कई बार परसेंटेज की मांग भी की जाती है। संस्थानों ने दे दिया तो अनुदान जारी होता है, नहीं देने से विभिन्न कारणों से अनुदान रोक दिया जाता है।
झारखंड के वित्तरहित संस्थान :-
इंटर कॉलेज - 190
हाईस्कूल - 312
मदरसा - 46
संस्कृत विद्यालय - 40
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