राज्य में जल जीवन मिशन योजनाओं की गहन जांच के लिए अंचलवार टीमों का गठन
योजनाओं की गुणवत्ता, कार्यशीलता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने को मुख्यालय स्तर पर होगा सत्यापन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव मस्त राम मीना ने आदेश

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो जल जीवन मिशन के तहत राज्य में संचालित 97,535 पेयजलापूर्ति योजनाओं में से 53,801 योजनाएं अब तक विभागीय पोर्टल पर भौतिक रूप से पूर्ण प्रतिवेदित हो चुकी हैं। इनमें 33 मल्टी विलेज स्कीम (एमवीएस) और 53,768 सिंगल विलेज स्कीम (एसवीएस) शामिल हैं। इन योजनाओं की गुणवत्ता, कार्यशीलता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अब मुख्यालय स्तर पर इनका व्यापक सत्यापन कराया जाएगा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव मस्त राम मीना की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
मुख्यालय द्वारा निर्णय लिया गया है कि सभी पूर्ण योजनाओं का घटकवार सत्यापन, अंचलवार गठित टीमों के माध्यम से किया जाएगा। हर अंचल के लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक और कनीय अभियंताओं को शामिल किया गया है। यह टीमें संबंधित प्रमंडलों की पूर्ण योजनाओं की गहन जांच करेंगी।
जांच के लिए ये प्रमुख बिंदु निर्धारित किए गए
-पूर्ण योजनाओं के प्रत्येक घटक की गुणवत्ता की जांच। इसके लिए प्रमंडलवार कार्ययोजना एवं क्षेत्र भ्रमण की तिथि निर्धारित करना और मुख्यालय द्वारा इंगित योजनाओं को भी जांच में शामिल करना है।
-पूर्ण योजनाओं का घटकवार असैनिक और यांत्रिक कार्यों की गुणवत्ता कार्यशील रहने की स्थिति का सत्यापन करना तथा संबंधित कर्मियों द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन एवं त्रुटियों के लिए जवाबदेही का निर्धारण करना।
-कार्य प्रमंडल द्वारा संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गई ढिलाई या चूक पर जवाब देही निर्धारण करना।
-क्षेत्र भ्रमण के दौरान वस्तुस्थिति से क्षेत्र भ्रमण के तीन दिनों के अंदर अद्यतन प्रतिवेदन मुख्यालय उड़न दस्ता दल मुख्य अभियंता, मुख्यालय को उपलब्ध कराना।
-अंचल स्तरीय जांच टीम के प्रतिवेदन में प्रतिपरीक्षण के क्रम में त्रुटि पाए जाने पर सम्पूर्ण जांच टीम को इसके लिए जवाबदेह माना जाएगा एवं उनके जिम्मेवारी के निर्वहन में चूक के लिए अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारम्भ की जाएगी।
-मुख्य अभियंता (मुख्यालय) प्रतिदिन के आधार पर पर्यवेक्षण करते हुए संबंधित जांच दलों से प्रतिवेदन प्राप्त करेंगे एवं प्रत्येक शुक्रवार को प्रधान सचिव/सचिव के समक्ष अवलोकनार्थ प्रस्तुत करेंगे।
-एफएचटीसी (कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन) की कार्यशीलता का आकलन
-रिमोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत योजनाओं का कार्यात्मक आकलन
-विभागीय पोर्टल पर अपलोड की गई सूचनाओं का सत्यापन
-जल की गुणवत्ता की जिला प्रयोगशालाओं से जांच
-ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों की सक्रियता का आकलन
-योजनाओं के संचालन, रखरखाव और क्षमता निर्माण प्रयासों की समीक्षा
मुख्यालय करेगा उड़नदस्ता दल के माध्यम से निगरानी
अंचल स्तरीय टीमों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों का मुख्यालय स्तर से उड़नदस्ता दल द्वारा 10% प्रतिपरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा अभियंता प्रमुख स्तर से 2% और विभागीय सचिव स्तर से 1% प्रतिवेदन का विशेष रूप से पुनरीक्षण कराया जाएगा। किसी भी स्तर पर त्रुटि पाए जाने पर संबंधित जांच टीम को उत्तरदायी ठहराया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य अभियंता (मुख्यालय) इन जांच कार्यों की दैनिक समीक्षा करेंगे तथा प्रत्येक शुक्रवार को सचिव/प्रधान सचिव को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। इस व्यापक जांच अभियान का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को विश्वसनीय, सतत और गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। जल जीवन मिशन की यह पहल योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही को नई ऊंचाई प्रदान करेगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।