विश्वास से परे और कतई नहीं कर सकते स्वीकार्य, पहलगाम हमले पर क्या बोले मीरवाइज उमर फारूक
उमर फारूक ने कहा, 'कश्मीरियों से बेहतर अपने लोगों को खोने का दर्द कौन समझ सकता है? यह घटना हमारे दिल को दहला देने वाली है।' कश्मीर के मुख्य मौलवी ने कहा कि कश्मीरी प्रभावित परिवारों के दुख में उनके साथ हैं।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे विश्वास से परे और पूरी तरह अस्वीकार्य बताया। उन्होंने घायलों से मिलने की इच्छा भी जताई। नौहट्टा की जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा करने से पहले मस्जिद में मौजूद लोगों ने प्रभावित परिवारों के लिए एक मिनट का मौन रखा। मीरवाइज ने कहा, 'इन हत्याओं ने हमारे दिलों को छलनी कर दिया है। सुना है कि पहले इन लोगों की धार्मिक पहचान पूछी गई और फिर उनके परिवार वालों के सामने हत्या की गई। यह अकल्पनीय है।' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग (चाहे किसी भी धर्म के हों) इस हत्याकांड की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
उमर फारूक ने कहा, 'कश्मीरियों से बेहतर अपने लोगों को खोने का दर्द कौन समझ सकता है? यह घटना हमारे दिल को दहला देने वाली है।' कश्मीर के मुख्य मौलवी ने कहा कि कश्मीरी प्रभावित परिवारों के दुख में उनके साथ हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए कहा, 'कश्मीरी हमेशा मेहमानों के लिए अपने दिल और दरवाजे खोलते हैं। हमारी मेहमाननवाजी विश्व प्रसिद्ध है। आदिल हुसैन ने दूसरों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी।'
सरकार से उमर फारूक की क्या मांग
मीरवाइज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पूर्ण बंद का पालन कर एकजुटता और एकता का उदाहरण पेश किया। साथ ही, यह संदेश दिया कि वे इस तरह के कायराना कृत्यों का विरोध करते हैं। उन्होंने सरकार से मांग रखी कि उन्हें घायलों से मिलने और आदिल हुसैन के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर जाने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा, 'मुझे अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लेने और जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों की भावनाएं उनके तक पहुंचाने की इजाजत दी जानी चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मीडिया की ओर से इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर नफरत फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसके कारण देश के कई राज्यों में कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है।