30 जून तक वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने पर रद्द होगा कारखाना का लाइसेंस
30 जून तक वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने पर रद्द होगा कारखाना का लाइसेंस

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य में कार्यरत कारखाना प्रबंधक को जनवरी से दिसंबर के वार्षिक रिटर्न की रिपोर्ट आगामी वर्ष 15 जनवरी तक पेश करनी होगी। यदि नहीं किया गया तो लाइसेंस नवीकरण शुल्क का 50 प्रतिशत दंड के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रबंधक को 31 मार्च तक रिपोर्ट देनी होगी। वहीं, 30 जून तक नवीकरण शुल्क के 100 प्रतिशत देय के साथ रिटर्न पेश कर सकेंगे। श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने कारखाना अधिनियम-1948 में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार ने गजट भी जारी कर दिया है। नई अधिसूचना के तहत अब इसे झारखंड कारखाना (संशोधन) नियमावली 2025 के नाम से जाना जाएगा, जो पूरे राज्य में प्रभावी होगा। गजट में कहा गया है कि अगर हर 30 जून तक कारखाना प्रबंधक वार्षिक रिटर्न रिपोर्ट अपलोड नहीं करते हैं, या रिटर्न में गलत जानकारी देते हैं, तो लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। हालांकि लाइसेंस रद्द करने से पहले प्रबंधक को कारण बताने का अवसर भी दिया जाएगा। पहले लाइसेंस रद्द करने की व्यवस्था नहीं थी।
कारखाना लाइसेंस फीस बढ़ी
अधिसूचना में कहा गया है कि वैसे कारखाने जहां सामान्यतः 250 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं, वहां कैंटीन से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इसी तरह वैसे कारखाना जहां सामान्यतः 30 से अधिक महिला श्रमिक कार्यरत हैं, वह प्रबंधक द्वारा क्रेच और जहां 150 से अधिक श्रमिक कार्यरत है, वहां आश्रयों, विश्राम-कक्षों के संबंध में जानकारी देना अनिवार्य होगा। कारखाना प्रबंधक अगर लाइसेंस का हस्तांतरण करते है, तो इसके लिए 1000 रुपए शुल्क देय होगा। यह शुल्क लाइसेंस हस्तांतरण के लिए आवेदन करने वाले नए प्रबंधक द्वारा देय होगा। नई व्यवस्था के तहत कारखाना प्रबंधक अब एक से 15 साल तक लाइसेंस ले सकते हैं। वार्षिक कारखाना लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी की गई है। यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले 10 वर्षों से लाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी।
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