Workshop on NEP-2020 and Credit Framework at Ranchi University पीजी पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर मांगे गए सुझाव, Ranchi Hindi News - Hindustan
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पीजी पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर मांगे गए सुझाव

रांची विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी ने शनिवार को एनईपी-2020 और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर कार्यशाला का आयोजन किया। कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। विशेषज्ञों ने क्रेडिट प्रणाली और...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 12 April 2025 09:26 PM
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पीजी पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर मांगे गए सुझाव

रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी की ओर से स्‍कूल ऑफ मास कॉम सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) आधारित पीजी और क्रेडिट फ्रेमवर्क विषय पर शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने की। संसाधन सेवी के रूप में नीपा, नई दिल्ली से आए प्रो सुधांशु भूषण ने क्रेडिट प्रणाली पर जानकारी दी। दूसरे विशेषज्ञ डॉ कुमार सुरेश ऑनलाइन जुड़े। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्‍यक्षों, विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों/प्रोफेसर इंचार्ज, सभी संकाय के डीन, कॉलेजों के नामित किए गए शिक्षक और स्नातकोत्तर विभागों के शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि यह हमारी जिम्‍मेवारी है कि हम एनईपी-2020 के प्रावधानों के बारे में अपने विद्यार्थियों तक पूरी जानकारी पहुंचाएं। साथ ही, विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया भी जानें कि वह क्‍या सोचते और चाहते हैं।

पहले तकनीकी सत्र में संसाधन सेवी नीपा, नई दिल्ली से प्रो कुमार सुरेश ने ऑनलाइन व्याख्यान दिया और डिजाइन किए गए पाठ्यक्रम के आवश्यक नियमों और प्रावधानों को बताते हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा किया। उन्‍होंने एनईपी-2020 के डिजाइन पाठ्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि हमें समकालीन विकास, बहुविषयक, लचीलापन और क्रेडिट प्रणाली का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, भारतीय ज्ञान प्रणाली और कौशल विकास का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। डॉ कुमार सुरेश ने ऑनलाइन सवालों के जवाब भी दिए।

दूसरे विशेषज्ञ प्रो सुधांशू भूषण ने सभागार में प्रोजेक्‍टर बोर्ड पर क्रेडिट प्रणाली को विस्तृत रूप से समझाया और कहा कि हमें विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया लेकर यह जानकारी भी एकत्र करनी चाहिए कि स्नातक-3 वर्षों का होना चाहिए या 4 वर्षों का। इसका सर्वेक्षण यह निर्धारित करने में हमें सक्षम बनाएगा कि हम स्नातकोत्तर को एक वर्ष का रखें या दो वर्षों का। रांची विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी सदस्य डॉ राजकुमार ने मौके पर सभी प्रतिभागी शिक्षकों, प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों से एक फार्म के माध्यम से राय ली गई। इसके आधार पर पीजी पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। कार्यशाला का संचालन डॉ सोनी तिवारी ने किया।

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