reservation should denied after religiuos conversion demands ex cm champai soren 'धर्म परिवर्तन करने वालों को ना मिले आरक्षण', पूर्व CM चंपाई सोरेन की मांग; क्या दिए तर्क, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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'धर्म परिवर्तन करने वालों को ना मिले आरक्षण', पूर्व CM चंपाई सोरेन की मांग; क्या दिए तर्क

  • महान आदिवासी नेता बाबा कार्तिक उरांव की ओर से 1967 में संसद में प्रस्तुत डिलिस्टिंग प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिले। इस दौरान चंपाई सोरेन ने धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण ना देने के पीछे तर्क भी दिए हैं।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीSat, 29 March 2025 07:50 AM
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'धर्म परिवर्तन करने वालों को ना मिले आरक्षण', पूर्व CM चंपाई सोरेन की मांग; क्या दिए तर्क

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर आदिवासी समाज, धर्मांतरण और आरक्षण से जुड़े अहम मुद्दे को उठाया। उन्होंने महान आदिवासी नेता बाबा कार्तिक उरांव की ओर से 1967 में संसद में प्रस्तुत डिलिस्टिंग प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इस दौरान चंपाई सोरेन ने धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण ना देने के पीछे तर्क भी दिए हैं। आइए जानते हैं।

चंपाई सोरेन ने अपने पोस्ट में कहा कि 1967 में बाबा कार्तिक उरांव ने संसद में एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें यह मांग की गई थी कि जो व्यक्ति ईसाई या इस्लाम धर्म अपना ले, उसे अनुसूचित जनजाति के आरक्षण से वंचित किया जाए। इस प्रस्ताव को तत्कालीन केंद्र सरकार ने संसदीय समिति को भेज दिया था, जिसने 17 नवंबर 1969 को अपनी सिफारिशें दीं। चंपाई के अनुसार, संसद की संयुक्त समिति ने यह स्पष्ट किया था कि आदिवासी परंपरा को त्यागने और अन्य धर्म अपनाने वालों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार ने ईसाई मिशनरियों के दबाव में इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

आरक्षण के नियमों में बदलाव की मांग

उन्होंने यह मांग की कि धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण से बाहर करने के लिए सरकार को डिलिस्टिंग प्रस्ताव को फिर से लागू करना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज से अपील करते हुए कहा कि अगर अभी नहीं जागे तो हमारी संस्कृति खत्म हो जाएगी।

कांग्रेस पर गंभीर आरोप

भाजपा नेता ने कांग्रेस पर आदिवासियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1961 में कांग्रेस सरकार ने आदिवासी धर्म कोड को जनगणना से हटा दिया। झारखंड आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर गोलियां चलवाई गईं। धर्मांतरण को बढ़ावा देकर आदिवासी संस्कृति को कमजोर किया गया।