Preserving Tradition Sido-Kanhu Martyrs Legacy Celebrated at Sidho-Kanhu Chhatiyar Maha पचकठिया में दो दिवसीय सिदो-कान्हू छटियार माहा का हुआ समापन,अंतिम दिन कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालू, Sahibganj Hindi News - Hindustan
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पचकठिया में दो दिवसीय सिदो-कान्हू छटियार माहा का हुआ समापन,अंतिम दिन कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालू

विदिन धर्म की परम्परा व सिदो कान्हू के संघर्ष को बचाने का संकल्पमुदाय को संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए विदिन समाज हर साल पचकठिया स्थित क्रांत

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजSat, 12 April 2025 12:56 AM
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पचकठिया में दो दिवसीय सिदो-कान्हू छटियार माहा का हुआ समापन,अंतिम दिन कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालू

विदिन धर्म की परम्परा व सिदो कान्हू के संघर्ष को बचाने का संकल्प बरहेट। प्रखंड के अरगोरी मैदान पर शुक्रवार को विदिन समाज सुसार बैसी की ओर से आयोजित दो दिवसीय सिदो-कान्हू छटियार माहा का समापन हो गया। मौके पर हजारों की संख्या में लोगों ने विदिन धर्म की परंपरा और हूल के नायक सिदो-कान्हू मुर्मू के संघर्ष की विरासत को बचाए रखने का संकल्प लिया। गुरु बाबा अभिराम मरांडी ने कहा कि मरांग बुरू और जाहेर ऐरा के साथ मोड़े कु, तुरूई कु, ताला कुल्ही मांझी हाड़ाम व मांझी बुढ़ी का हम लोग धन्यवाद करते हैं कि वे हमे सुरक्षित रखते हैं। उन्हीं के कृपा से हमलोग सुखी, सम्पन्न और स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने कहा कि सिदो-कान्हू पूरे संताल समुदाय को संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए विदिन समाज हर साल पचकठिया स्थित क्रांति स्थल से छटियार माहा का शुभारम्भ करता है। इस क्रम में लोगों ने मैदान में बने जाहेर थान, मांझी थान व परगना थान में विदिन धर्म परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ व सेवा-देवा किया। साथ ही एरोक् पर्व, जान्थाड़ पर्व व माक् मोड़े पर्व को मनाने का निर्णय लिया गया। समापन के मौके पर पूजा पाठ की अगुवाई विदिन धर्म गुरु बाबा भुगलू मरांडी, बाबा अभिराम मरांडी, प्रेम मरांडी व गुरु देव हेम्ब्रम ने की। मौके पर झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल से हजारों विदीन समाज के लोग मौजूद थे।

फोटो 118, मांझी थान में पूजा अर्चना के लिए लगी श्रद्धालुओं की लम्बी कतार।

114,115: गुरुबाबा अभिराम मरांडी को प्रणाम करते भक्त।

सभी गोत्र के लिए अलग-अलग थी दानपेटी

बरहेट । प्रखंड के पंचकठिया के ओरगोड़ा मैदान में संतालों के सभी 12 गोत्र लिखा हुआ दान पेटी कार्यक्रम स्थल पर रखा हुआ था। उसमें विदिन समाज के लोग अपने-अपने गोत्र में एक-एक सिक्के डाल रहे थे। इस संबंध में पश्चिम बंगाल उत्तर दिनजपुर संतरा गांव के राम हांसदा ने बताया कि संतालों का जितना गोत्र है सभी गोत्र के लिए अलग-अलग दानपेटी रखा हुआ है। दानपेटी में एक एक सिक्के से कौन गोत्र के कितने लोग आये थे , इसका पता लगाया जा सकता है।

फोटो 113,कार्यक्रम स्थल पर अलग-अलग गोत्र के लिए रखा दानपेटी।

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