6th JPSC: छात्रों के हंगामे के बाद सचिव हटाए गए, रणेंद्र कुमार बने सचिव
छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा को रद्द करने और सचिव को हटाने का मुद्दा गरमाने के बाद कार्मिक विभाग ने मंगलवार को जेपीएससी सचिव जगजीत सिंह को उनके पद से हटा दिया। उन्हें गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग...
छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा को रद्द करने और सचिव को हटाने का मुद्दा गरमाने के बाद कार्मिक विभाग ने मंगलवार को जेपीएससी सचिव जगजीत सिंह को उनके पद से हटा दिया। उन्हें गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के पद पर भेज दिया गया है। उनकी जगह डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार को जेपीएससी के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
जेपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग
छात्रों ने छठी जेपीएससी परीक्षा में आरक्षण के नियम का पालन नहीं करने को लेकर फिर मंगलवार को अल्बर्ट एक्का चौक पर आयोग का पुतला फूंका। साथ ही सचिव पर कार्रवाई करने की मांग की गई। छात्र अनिल पन्ना ने बताया कि छात्रों के साथ आयोग छल कर रहा है। सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन अब बुधवार को सुनवाई की तिथि रखी गई है। जेपीएससी अभ्यर्थियों ने कहा कि सचिव का स्थानांतरण करने के बजाय उन्हें बर्खास्त करना चाहिए था। उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है। इतना विरोध होने के बाद भी वे किसी तरह भी मुख्य परीक्षा आयोजित कराना चाह रहे थे, जबकि कोर्ट में मामला चल रहा है।
हिन्दुस्तान ने उठाया था विवाद का मामला
सबसे पहले आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने जेपीएससी सचिव को लेकर उठे विवाद का मामला उठाया था। सचिव के पुत्र के अभ्यर्थी होने और परीक्षा संबंधी कार्यों में उनके जुड़े होने पर छात्रों ने जमकर विरोध किया। इसके बाद छात्र सड़क पर उतर आएं, विधान सभा में भी यह मुद्दा गूंजा। अंतत: सचिव का स्थानांतरण कर दिया गया।
हेमंत ने विस में उठाया मामला
जेपीएससी परीक्षा से जुड़े मसले को मंगलवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने उठाया था। उन्होंने मुख्य परीक्षा के स्थगित करने की मांग उठाई थी और कहा था कि मामला अदालत में है, तो फिर परीक्षा कैसे ली जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों की समीक्षा की जाएगी उसके बाद आगे कदम उठाया जाएगा।