झारखंड में बढ़ी सतकर्ता, क्यों ड्रोन से रखी जा रही इमारतों की छतों पर नजर
मानसून से पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निकाय मिलकर सतर्कता बरत रहे हैं, ताकि संक्रमण की स्थिति न उत्पन्न हो।

मलेरिया और डेंगू जैसी मच्छरजनित बीमारियों से बचाव को लेकर झारखंड जुगसलाई नगर परिषद ने सतर्कता बढ़ा दी है। ऊंचे भवनों की छतों पर जलजमाव रोकने के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
विश्व डेंगू दिवस पर आयोजित बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने डीडीसी और सिविल सर्जन को यह जानकारी दी। उधर, जमशेदपुर अक्षेस द्वारा कचरा संग्रहण वाहनों से घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को साफ-सफाई और मच्छरजनित रोगों से बचाव की जानकारी दी जा रही है। नगर निकाय क्षेत्र में मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए फॉगिंग और एंटीलार्वा दवा के छिड़काव पर विशेष जोर दिया गया है। मलेरिया विभाग के कर्मचारी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। मानसून से पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निकाय मिलकर सतर्कता बरत रहे हैं, ताकि संक्रमण की स्थिति न उत्पन्न हो।
अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए 10 बेड आरक्षित
पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी और डुमरिया प्रखंड को मच्छरों के डेंजर जोन के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां हर वर्ष मानसून में मलेरिया के मरीज मिलते हैं। सिविल सर्जन ने जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को डेंगू और मलेरिया मरीजों के लिए 10-10 बेड आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। साथ ही मरीज मिलने पर तुरंत सर्विलांस विभाग को जानकारी देने के लिए कहा गया है। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाए जाएंगे ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। पिछले वर्ष 2023 में पूर्वी सिंहभूम जिले में डेंगू के 1252 मरीज मिले थे और तीन की मौत हुई थी। कोल्हान के तीनों जिलों में कुल 1476 मरीज पाए गए थे।
इस बार जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधा मुहैया कराई है ताकि समय रहते संक्रमण की पहचान और इलाज किया जा सके।