इन 4 मंत्रों से कराएं बच्चों के दिन की शुरूआत, दिमाग पर होता है पॉजिटिव असर
दिन की शुरुआत ही अगर पॉजिटिव तरीके से की जाए, तो बाकी का दिन भी अच्छा जाता है और मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। इसके लिए आप बच्चों को कुछ मंत्र और श्लोक सिखा सकते हैं।

दिन की शुरुआत अगर बेहतर ढंग से हो तो पूरा दिन बहुत अच्छा जाता है। इसलिए बड़े-बुजुर्ग हमेशा दिन की शुरुआत शांत और पॉजिटिव तरीके से करने पर जोर डालते आए हैं। खासतौर से बच्चों में तो बचपन से ही ये आदत डाल देनी चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बचपन ही वो समय होता है, जब बच्चे अपने भविष्य का निर्माण कर रहे होते हैं। वो बहुत कुछ नया सीख रहे होते हैं जो आगे चलकर उनके भविष्य को आकार देता है। इसके लिए उनकी मेंटल हेल्थ, फोकस और कंसंट्रेशन का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है। ऐसे में यदि बच्चों के दिन की शुरुआत कुछ मंत्रों और श्लोकों के साथ हो, तो उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। ये सिर्फ बच्चों को आध्यात्म से जोड़ने का ही एक तरीका नहीं है बल्कि उनमें मेंटल क्लैरिटी लाने के लिए भी बेहतर विकल्प है। तो चलिए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
गायत्री मंत्र से करें दिन की शुरुआत
दिन की बेहतर शुरुआत के लिए आप बच्चों में गायत्री मंत्र का जाप करने की आदत डाल सकते हैं। गायत्री मंत्र सबसे प्राचीन और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। कई स्कूलों में प्रार्थना के समय भी बच्चों से गायत्री मंत्र का जाप कराया जाता है। दरअसल धार्मिक महत्व के अलावा इसके कई वैज्ञानिक लाभ भी हैं। रोजाना ध्यान लगाते हुए गायत्री मंत्र का जाप करने से बच्चों की कंसंट्रेशन, फोकस और मेमोरी पावर बूस्ट हो सकती है। कहते हैं कि इस मंत्र की वाइब्रेशन नर्वस सिस्टम को भी रिलैक्स करती है और बच्चों में बेहतर मेंटल क्लैरिटी विकसित करने में मदद करती हैं।
अस्तो मा सद्गमय...
'ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय । ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।'
स्कूल में अक्सर गाई जानें वाली ये छोटी सी प्रार्थना या श्लोक बृहदारण्यक उपनिषद से लिया गया है। श्लोक का मोटा-मोटा सार है कि हे ईश्वर हमें असत् (अज्ञान) से सत् (ज्ञान) की ओर ले चलो। बच्चे अगर रोजाना इस श्लोक को अर्थ सहित पढ़ते हैं, तो उनके दिमाग पर पॉजिटिव असर होता है। उनमें आगे बढ़ने और सच्चाई के रास्ते पर चलने का माइंडसेट विकसित होता है।
बच्चों को गुरु मंत्र भी जरूर सिखाएं
'गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:'।' ये श्लोक हमारे जीवन में गुरु के महत्व को बताता है कि कैसे गुरु का दर्जा स्वयं भगवान से भी ऊपर है। गुरु ही हैं जो आपको अज्ञान से ज्ञान का रास्ता तय कराते हैं। जब बच्चे अपने दिन की शुरुआत इस विचार के साथ करते हैं, तो उनके मन में अपने टीचर्स के प्रति सम्मान की भावना बढ़ जाती है। इससे वो पढ़ाई में भी बेहतर ध्यान लगा पाते हैं।
बच्चों से पढ़वाएं हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा शुरुआत में थोड़ी बड़ी लग सकती है लेकिन अगर बच्चा रोजाना इसे पढ़े तो समय के साथ ये छोटी और आसान लगने लगती है। रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ने से बच्चे में भगवान के प्रति श्रृद्धा तो बढ़ती ही है साथ ही उनमें हिम्मत, साहस और दूसरों के लिए कुछ करने की भावना भी विकसित होती है। रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ने से बच्चों का फोकस भी इंप्रूव होता है और उनकी मेंटल हेल्थ पर भी इसका पॉजिटिव असर देखने को मिलता है।
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