ट्रेन में होते हैं अलग-अलग क्लास, जानिए किस में मिलेगा सबसे ज्यादा आराम
- Different Train Classes: ट्रेन टिकट बुक करते समय अलग-अलग तरह के ऑप्शन दिखाई देते हैं। ऐसे में अक्सर लोग इस सोच में पड़ जाते हैं कि कौन से क्लास में सीट बुक की जाए। यहां हम बता रहे हैं ट्रेन के अलग-अलग क्लास के बारे में।

ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। ज्यादातर भारतीय एक शहर से दूसरे शहर पर जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। ट्रेन का सफर काफी रोमांचक होता है। बच्चों को ये सबसे ज्यादा पसंद आता है।सफर के दौरान अलग-अलग तरह के लोगों से मुलाकात होती है। कई बार तो लंबे सफर में साथी यात्रियों के साथ दोस्ती तक हो जाती है। ट्रेन अलग-अलग रास्तों से गुजरती है तो ऐसे में खूबसूरत नजारे भी दिखते रहते हैं। ट्रेन में सफर करने के लिए सबसे जरूरी है ट्रेन टिकट। जब भी कोई व्यक्ति ट्रेन टिकट बुक करता है तो अलग-अलग तरह के ऑप्शन दिखते हैं। दरअसल, भारतीय ट्रेनों को हर तरह के यात्रियों की क्षमता के अनुसार डिजाइन किया गया है। अलग-अलग क्लास में सुविधाएं भी अलग-अलग दी गई हैं। ऐसे में ट्रेन टिकट बुक करने से पहले जानिए ट्रेन के अलग क्लास के बारे में।
1ए- फर्स्ट क्लास एसी
एसी टियर-1 इंडियन रेलवे की सबसे महंगी क्लास है। 1ए कोच के टिकट की कीमत हवाई जहाज के किराये के बराबर ही होती है। इस क्लास वाले कोच में आठ केबिन होते हैं, और आधे एसी फर्स्ट क्लास कोच में तीन केबिन होते हैं। इस कोच में मदद के लिए एक अलग स्टाफ होता है। इस कोच में स्लीपर बर्थ काफी चौड़ी होती हैं। साथ ही इसकी सर्विस भी काफी अलग होती हैं।
2ए - टू-टियर एसी
भारतीय रेलवे के टियर-2 एसी कोच में लेगरूम, पर्दे और एक पर्सनल रीडिंग लैंप होता है। हालांकि, नएक कोच वाली ट्रेन के 3 टियर में भी अब ये मिलने लगा है। टियर-2 एसी कोच में चार सीटें कोच की पूरी चौड़ाई में और दो सीटें साइड में फैली हुई होती हैं। इसमें हर सीट पर पर्दा लगा रहता है। हालांकि, कोरोना के बाद से इसे हटा दिया गया है। कुछ ट्रेन के कोच में अब ये सिर्फ विंडो पर होता है।
3ए- थ्री-टियर एसी
3A कोच में सीटें 2AC की तरह ही व्यवस्थित की गई हैं, लेकिन इसकी चौड़ाई कम है, और इसके एक कम्पार्टमेंट में आठ सीटें होती हैं। अगर पुराने कोच ट्रेन में लगे हैं तो आपको पढ़ने के लिए किसी भी तरह के लैंप की सुविधा नहीं मिलेगी।
ईसी-एग्जीक्यूटिव चेयर कार
ये भी एसी कोच चेयर कार है। हालांकि इसमें सीटों के बीच काफी जगह होती है। हर एक लाइन में कुल 4 सीटें होती हैं। शताब्दी एक्सप्रेस जैसी चेयर कार ट्रेनों में ये कोच होता है हैं।
सीसी- चेयर कार एसी
सीसी या चेयर कार कोच भी एसी सीटर कोच होते हैं। हालांकि इसमें बिना एसी वाला चेयर कार भी होता है जो एसी वाले के मुताबिक काफी सस्ता होता है। इसकी लाइन में केवल पांच सीटें होती हैं। आस पास की जगहों पर जाने के लिए ऐसे कोच अच्छे होते हैं।
एसएल- स्लीपर क्लास
स्लीपर क्लास भारतीय रेलवे का सबसे आम नॉन-एसी कोच है। एक ट्रेन में इसके दस या उससे भी ज्यादा कोच होते हैं। इस कोच में कुछ 72 सीटें होती हैं।
2एस - सेकेंड सिटिंग
सेकेंड सीटिंग नॉन-एसी कोच सबसे निचली श्रेणी के कोच हैं। इसमें केवल यात्रियों के लिए सीटें होती हैं। इस कोच में एक बर्थ पर 3 यात्रियों के बैठने की जगह होती है।
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