एमपी-महाराष्ट्र में ताप्ती बेसिन प्रोजेक्ट पर समझौता; क्या आएगा बदलाव?
एमपी और महाराष्ट्र के बीच 'ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना' के लिए समझौता हुआ है। एमपी के सीएम मोहन यादव और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र ने शनिवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं। समझौते को ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि इस परियोजना को दुनिया की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज योजना बताया जा रहा है। इस रिपोर्ट में जानें कैसे यह परियोजना किसानों की खुशहाली का जरिया बनेगी।
एमपी से निकलती है ताप्ती
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के मौके पर एमपी के सिंचाई मंत्री तुलसी सिलावट और उनके महाराष्ट्र के समकक्ष गिरीश महाजन भी मौजूद थे। महाराष्ट्र में ताप्ती नदी को तापी के नाम से जाना जाता है। यह एमपी के बैतूल जिले से निकलती है। यह महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से होकर बहती है।
क्या है परियोजना का मकसद?
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस परियोजना का मकसद पीने के लिए नागपुर समेत उत्तर-पूर्वी महाराष्ट्र और सिंचाई के लिए दक्षिणी मध्य प्रदेश, खासकर छिंदवाड़ा जिले में पर्याप्त पानी पहुंचाना है।
कौन कितना पानी करेगा इस्तेमाल?
अधिकारियों ने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को लेकर हुए दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के तहत कुल 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फुट पानी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें से 11.76 टीएमसी पानी एमपी के लिए जबकि 19.36 टीएमसी महाराष्ट्र के लिए आवंटित किया गया है।
एमपी में चाहिए होगी 3,362 हेक्टेयर जमीन
परियोजना को साकार करने के लिए मध्य प्रदेश में 3,362 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना के लिए भले ही इतनी ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ेगी लेकिन इसके लिए किसी भी गांव को विस्थापित नहीं किया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि पुनर्वास पर होने वाले खर्च की बचत होगी।
एमपी और महाराष्ट्र को ऐसे मिलेगा लाभ
इस परियोजना के साकार होने से मध्य प्रदेश में 1,23,082 हेक्टेयर जमीन जबकि महाराष्ट्र में 2,34,706 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी।
एमपी के इन इलाकों को फायदा
मध्य प्रदेश में इस परियोजना से बुरहानपुर और खंडवा जिलों की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार और खालवा तहसीलों को लाभ मिलेगा।
बांध का होगा निर्माण
परियोजना के हिस्से के रूप में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की खालवा तहसील और महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित खारिया गुटीघाट बांध पर 8.31 टीएमसी जल संग्रहण क्षमता वाला एक ढलान वाला बांध बनाया जाएगा।
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