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आपको तो वोट बैंक की चिंता थी... अब तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कांग्रेस और भाजपा में क्यों भिड़ंत

कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले का पूरा श्रेय लेने का प्रयास किया, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 10 April 2025 05:23 PM
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आपको तो वोट बैंक की चिंता थी... अब तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर कांग्रेस और भाजपा में क्यों भिड़ंत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने का श्रेय मोदी सरकार ले रही है, लेकिन सच यह है कि उसे भारत लाने में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार की मेहनत आज रंग लाई है। चिदंबरम ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को आज भारत लाया गया, लेकिन पूरी कहानी यह है कि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है, जबकि सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है।

उन्होंने कहा, “यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक की कठिन, परिश्रमी और रणनीतिक कूटनीति का परिणाम है, जिसकी शुरुआत, अगुवाई और निरंतरता यूपीए सरकार ने अमेरिका के साथ समन्वय द्वारा सुनिश्चित की थी। इसके साथ ही चिदंबरम ने कहा कि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार का इसमें कोई योगदान नहीं है, इस प्रक्रिया की शुरुआत हमने की थी। इसका यह भी तात्पर्य हुआ कि कांग्रेस की सरकार के गंभीर प्रयास और ईमानदार कोशिश से सबसे खतरनाक अपराधी को भी कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सका है।

मोदी ले रहे प्रत्यर्पण का श्रेय: चिदंबरम

कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले का पूरा श्रेय लेने का प्रयास किया, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है यह काम यूपीए सरकार की परिश्रम की परिणाम स्वरुप ही सफल हो सका है।

आतंकवाद पर नरम थी कांग्रेस: शहजाद

दूसरी, तरफ केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के तहत आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाया जा रहा था क्योंकि कांग्रेस को इससे वोट बैंक छिटकने का डर था। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि आतंकी हमलों के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बजाय 2004 से 2014 के बीच उन हमलों का दोष भारतीय एजेंसियों और नागरिकों पर डाल दिया गया।

पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस 26/11 के मुंबई हमलों के बाद आतंकियों पर कार्रवाई करने की बजाय आतंकवाद पर “वाइटवॉशिंग” और आतंकियों को “क्लीन चिट” देने में शामिल थी। इस के अलावा आरएसएस और संघ के खिलाफ फर्जी कहानी गढ़ने में मशगूल थी। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने यह दावा किया था कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते के पूर्व सदस्य हेमंत करकरे की हत्या 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब ने नहीं बल्कि एक पुलिस वाले ने की थी।

वोट बैंक की राजनीति में शामिल थी कांग्रेस: पूनावाला

उन्होंने कहा, “जब राणा का प्रत्यर्पण किया जा रहा है, तो इस कदम का स्वागत करने के बजाय, वे देश की जीत पर वोट बैंक की राजनीति में शामिल हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्व वायु सेना प्रमुख फली होमी मेजर को मुंबई हमले के बाद प्रतिक्रिया देने से कथित रूप से रोका गया था क्योंकि आतंकी शिविरों पर हमला करने से दूसरों को राजनीतिक लाभ मिलता। उन्होंने दावा किया, “जो निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए थी, उससे भारतीय रक्षा और सुरक्षा बलों को करने से रोका गया था। यह बात फली मेजर ने कही थी और (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) बराक ओबामा और वरिष्ठ कांग्रेस सांसद की किताबों में भी इसकी पुष्टि की गई है।”

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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके तत्कालीन समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी के बीच 2009 में हुए शर्म अल-शेख समझौते ने भारत को अन्य स्थानों पर आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार बनाया। उन्होंने कहा, "एक तरफ मोदी सरकार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों का पर्दाफाश करने का काम करती है। दूसरी तरफ पिछली सरकार ने भारत के खिलाफ अन्य देशों के रुख को मजबूत करने के लिए घोषणापत्रों पर हस्ताक्षर किए।" भाजपा नेता ने कांग्रेस पर आतंकवाद के प्रति “नरम रुख” रखने का आरोप लगाते हुए, 26/11 के हमले को “आरएसएस की साजिश” बताने और भारतीय एजेंसियों को आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए माफी मांगने की मांग की है।