House arrest on Friday prayers religious rights being snatched away Mirwaiz Umar Farooq जुमे पर घर में कैद, नमाज से रोका गया; मीरवाइज का सख्त एतराज, वक्फ कानून के खिलाफ लाया प्रस्ताव, India Hindi News - Hindustan
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जुमे पर घर में कैद, नमाज से रोका गया; मीरवाइज का सख्त एतराज, वक्फ कानून के खिलाफ लाया प्रस्ताव

  • हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि उनका धार्मिक हक छीना जा रहा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया और जामा मस्जिद में नमाज अदा करने से रोक दिया गया।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरFri, 11 April 2025 07:48 PM
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जुमे पर घर में कैद, नमाज से रोका गया; मीरवाइज का सख्त एतराज, वक्फ कानून के खिलाफ लाया प्रस्ताव

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है और यहां जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा नहीं करने दी। कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज शुक्रवार को शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित ऐतिहासिक मस्जिद में शुक्रवार को तकरीर देते हैं और आज भी उनका ऐसा ही कार्यक्रम था। लेकिन मीरवाइज ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एक बार फिर, इस जुमे को भी मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया और जामा मस्जिद में नमाज अदा करने से रोक दिया गया। यह बेहद दुखद और अपमानजनक है कि अधिकारी अपनी इच्छानुसार मेरे बुनियादी धार्मिक अधिकारों को लगातार कुचलते जा रहे हैं।’’

वक्फ कानून के खिलाफ

उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ कई धार्मिक संगठनों के एक समूह ‘मुताहिदा मजलिस उलेमा’ (एमएमयू) द्वारा तैयार किए गए एक प्रस्ताव की एक प्रति भी पोस्ट की। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा जम्मू कश्मीर, उस नये कानून के कई प्रावधानों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करता है, जिसे मुस्लिम समुदाय द्वारा भारत में वक्फ संस्था के स्थापित और धार्मिक स्वरूप को प्रभावित करने वाले के रूप में देखा जा रहा है।’’

यह प्रस्ताव जुमे की नमाज के दौरान जम्मू कश्मीर की मस्जिदों, दरगाहों और इमामबाड़ों में पढ़ा जाना था। प्रस्ताव में कहा गया है कि नया कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पर्यवेक्षण में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है तथा कई लोगों का मानना ​​है कि यह मुस्लिम समुदाय की अपनी धार्मिक संपत्तियों की देखरेख में भूमिका और अधिकार को कम कर सकता है, जिसका प्रबंधन पारंपरिक रूप से इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार किया जाता रहा है।

तैयार हुआ था प्रस्ताव

इस मुद्दे पर बुधवार को बैठक की अनुमति नहीं मिलने के बाद एमएमयू ने यह प्रस्ताव तैयार किया। एमएमयू ने कहा कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसके निर्णय की प्रमुख शक्तियां जिलाधिकारियों को हस्तांतरित करने से एकपक्षीय फैसले हो सकते हैं और वक्फ बोर्ड की भूमिका कमजोर होगी। इसने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में वक्फ संपत्तियों से संबंधित जारी विवादों के संदर्भ में यह मुख्य चिंता है।’’

एमएमयू ने कहा, ‘‘वक्फ अधिकरणों के कामकाज में बदलाव, उच्च न्यायालयों में अपील की अनुमति देना कानूनी कार्यवाही को लंबा कर सकता है और धार्मिक संपत्तियों को प्रभावित करने वाले मामलों के समाधान में विलंब कर सकता है।’’

एमएमयू ने कहा कि वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को अपना पूर्ण समर्थन देता है और नये कानून से उत्पन्न मुद्दों के समाधान के लिए एआईएमपीएलबी जो भी उचित समझेगा, उसमें वह उसके साथ खड़ा रहेगा।

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तत्काल वापस लीजिए वक्फ कानून: एमएमयू

इस बीच, मीरवाइज के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि एमएमयू के फैसले और अपील के अनुसार, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को आज पूरे जम्मू कश्मीर में स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया और इसे तत्काल वापस लेने की जोरदार मांग की गई। बयान में कहा गया है, ‘‘इमामों और मजलिस के सदस्यों ने कश्मीर घाटी, चिनाब क्षेत्र, जम्मू, लेह और कारगिल में प्रमुख मस्जिदों, खानकाहों, दरगाहों और इमामबाड़ों में प्रस्ताव को सार्वजनिक रूप से पढ़ा, जिसे लोगों का भारी समर्थन मिला।’’ इसमें कहा गया है कि प्रमुख इस्लामी विद्वानों, इमामों और खतीबों ने भी मीरवाइज की नजरबंदी पर चिंता जताई।