कितना खतरनाक है कोरोना का नया वैरिएंट JN.1, क्या हैं लक्षण; भारत पर कैसा असर
यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मुख्य रूप से प्रतिरक्षा में गिरावट के कारण फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से लोगों ने लंबे समय से बूस्टर डोज नहीं ली है।

कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 ओमिक्रॉन का ही एक उप-संस्करण है। यह धीरे-धीरे एशिया के कई हिस्सों में फैल रहा है। सिंगापुर, हांगकांग, भारत और थाईलैंड में इस नए वैरिएंट के कई मामले मिले हैं। हालांकि भारत में अभी स्थिति गंभीर नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। फिलहाल भारत में इस नए वैरिएंट के प्रसार की पुष्टि नहीं हुई है। अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण होते हैं। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, बुजुर्ग या बीमार व्यक्तियों में लक्षण ज्यादा महसूस हो सकते हैं।
क्या है JN.1 वैरिएंट?
JN.1 वैरिएंट, BA.2.86 (Pirola) का एक रूप है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इसका एक अतिरिक्त म्यूटेशन इसे इम्यून सिस्टम से बचने में मदद कर सकता है। WHO ने इसे दिसंबर 2023 में "Variant of Interest" घोषित किया था।
कितना खतरनाक है JN.1?
यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मुख्य रूप से प्रतिरक्षा में गिरावट के कारण फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बहुत से लोगों ने लंबे समय से बूस्टर डोज नहीं ली है।
क्या हैं इसके लक्षण?
गला खराब या खराश
नाक बहना या बंद होना
सूखी खांसी
बुखार और ठंड लगना
सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान
मतली या डायरिया
स्वाद या गंध का अभाव (कम मामलों में)
क्या वैक्सीन अभी भी काम करती है?
डॉक्टरों का कहना है कि बूस्टर डोज़ JN.1 से बचाव में प्रभावी हैं। खासकर गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए। JN.1 के लिए अलग वैक्सीन नहीं है, लेकिन मौजूदा बूस्टर अब भी सुरक्षा देते हैं।
क्या हैं इससे बचाव के उपाय
अच्छी तरह फिटिंग मास्क पहनें
बार-बार हाथ धोएं
बीमार महसूस हो तो घर पर रहें
बूस्टर डोज जरूर लगवाएं
क्या भारत में चिंता की जरूरत है?
भारत में केस बहुत कम हैं और ज्यादातर मामलों में मामूली संक्रमण हैं। लेकिन यह चेतावनी है कि कोविड-19 पूरी तरह गायब नहीं हुआ, बस एक एंडेमिक (स्थायी) रूप में मौजूद है। विशेषज्ञों ने जीनोमिक निगरानी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समय पर रिपोर्टिंग को जरूरी बताया है ताकि भविष्य में किसी नई लहर या महामारी से बचा जा सके।