Men wore saris and worked as labourers in the name of women fraud in MNREGA exposed पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर की मजदूरी, मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा, India Hindi News - Hindustan
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पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर की मजदूरी, मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा

  • घटना के बाद स्थानीय महिला मजदूरों में भारी नाराजगी है। उन्होंने इसे उनके परिश्रम और अधिकारों के साथ धोखा करार दिया है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 April 2025 09:43 AM
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पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर की मजदूरी, मनरेगा में फर्जीवाड़े का खुलासा

कर्नाटक के यादगीर जिले के मालदार गांव से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत मजदूरी घोटाले का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कुछ पुरुष मजदूरों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर मजदूरी किया, जबकि असली महिला श्रमिकों ने काम ही नहीं किया था। यह फर्जीवाड़ा नाला गहरीकरण परियोजना के दौरान तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुईं। इनमें पुरुष साड़ियों में काम करते नजर आए। यह कार्य मल्लार गांव के एक किसान, निंगप्पा पुजारी के खेत में किया जा रहा था और परियोजना की कुल लागत ₹3 लाख बताई गई है।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) लवेश ओराडिया ने इस घोटाले की पुष्टि करते हुए बताया कि "मौके पर दर्ज पुरुष और महिला श्रमिकों की संख्या आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रही है। रिकॉर्ड के अनुसार, 6 पुरुष और 4 महिलाएं काम पर थीं, लेकिन महिलाओं की जगह पुरुषों ने साड़ी पहनकर उनकी उपस्थिति दर्ज कराई और फर्जी मजदूरी का दावा किया।"

इस घोटाले की योजना वीरेश नामक 'बेयरफुट टेक्नीशियन' ने बनाई थी, जो पंचायत विभाग के साथ अनुबंध पर कार्यरत था। उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सीईओ ने बताया कि इस संबंध में फरवरी में ही शिकायतें मिली थीं और उस पर कार्रवाई शुरू हो गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस परियोजना के तहत अब तक किसी को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।

आगे की जांच में पता चला कि नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर (NMMS) ऐप के जरिए उपस्थिति में भी हेराफेरी की गई थी। फर्जी तस्वीरें अपलोड कर वास्तविक मजदूरों की जगह गलत लोगों को हाजिर दिखाया गया, जिससे महिलाओं के नाम पर मजदूरी का फर्जी भुगतान किया जा सके। मल्लार गांव के पंचायत विकास अधिकारी चन्नबसवा ने खुद को इस घोटाले से अलग करते हुए कहा, “मुझे इस फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं थी। जैसे ही मामला सामने आया, मैंने अनुबंध कर्मचारी वीरेश को निलंबित कर दिया।”

घटना के बाद स्थानीय महिला मजदूरों में भारी नाराजगी है। उन्होंने इसे उनके परिश्रम और अधिकारों के साथ धोखा करार दिया है। महिलाओं ने कहा कि यह मनरेगा जैसी ग्रामीण रोज़गार योजना का दुरुपयोग और महिला श्रमिकों का अपमान है।

तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारी रामप्पा डोड्डमणि ने मज्जूर ग्राम पंचायत में एक अन्य नाला सफाई परियोजना का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से योजना का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मनरेगा मजदूरी दर ₹349 से बढ़ाकर ₹370 कर दी गई है, जो 1 अप्रैल से प्रभावी है।