सरकार ने कल बुलाई सर्वदलीय बैठक, ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के साथ होगी चर्चा; एकजुट पूरा देश
सर्वदलीय बैठक में सरकार से आतंकवाद के खिलाफ दीर्घकालिक रणनीति और सीमा पर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की उम्मीद है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसका लक्ष्य आतंकवाद को खत्म करना है।

केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सभी राजनीतिक दलों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक कल, 8 मई को सुबह 11 बजे संसद भवन परिसर में आयोजित होगी। सरकार का उद्देश्य विपक्षी दलों को ऑपरेशन के विवरण और आगे की रणनीति से अवगत कराना है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट कर ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय नेताओं की यह बैठक संसद पुस्तकालय भवन के समिति कक्ष जी-074 में होगी।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये हमले पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हमले "केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक" थे, और पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशाने पर लिए गए आतंकी ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे। इनमें बहावलपुर और मुरीदके जैसे स्थान शामिल थे, जहां आतंकी संगठनों के मुख्यालय मौजूद हैं। भारतीय सेना ने कहा कि ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के उन प्रशिक्षण शिविरों को भी नष्ट किया गया, जहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षित किया गया था।
सर्वदलीय बैठक का महत्व
सर्वदलीय बैठक का आयोजन आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित करने और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर चर्चा करने के लिए किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और अन्य वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहेंगे।
विपक्षी दलों ने पहले ही सरकार को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "हमारी सेना पर हमें गर्व है। पहलगाम हमले के जवाब में सरकार को हमारा पूरा समर्थन है।" कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति अटल है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन थे, जिन्होंने भारी हथियारों जैसे एम4 कार्बाइन और एके-47 का इस्तेमाल किया। इस हमले ने देश में आक्रोश पैदा किया और सरकार पर जवाबी कार्रवाई का दबाव बढ़ा।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और तनाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने इसे "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया और दावा किया कि हमलों में नागरिक हताहत हुए। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलीबारी और तोपखाने का इस्तेमाल किया, जिसमें करीब 10 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यदि भारत आगे सैन्य कार्रवाई बंद करता है, तो पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई से बचेगा।
दूसरी ओर, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को बाधित करने का प्रयास था। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाया और कहा कि भारत ने कई देशों, जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, और रूस, को ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी है।
ऑपरेशन सिंदूर को 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले की तर्ज पर देखा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिक सटीक और खुफिया जानकारी पर आधारित था। रक्षा विश्लेषक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) आर.एस. पनाग ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर सामरिक प्रभाव के मामले में बालाकोट से अधिक प्रभावी है।"