मैंने कभी नहीं कहा सुशांत की हत्या हुई; सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर क्या बोले बिहार के पूर्व डीजीपी
- पूर्व डीजीपी ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए भेजी गई बिहार पुलिस टीम के साथ सहयोग नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि बेहतर समन्वय के लिए उन्होंने जिस आईपीएस अधिकारी को भेजा था, उसे क्वारंटीन कर दिया गया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कथित तौर पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद, बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मामले को संभालने के मुंबई पुलिस के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि उनके कार्यों से जनता में 'संदेह' पैदा हुआ। हालांकि, उन्होंने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि यह एक पेशेवर एजेंसी है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि सुशांत की हत्या हुई, लेकिन बस इतना कहा था कि मौत संदिग्ध थी।
अभिनेता की मौत की शुरुआती जांच पर बोलते हुए, पांडे ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए भेजी गई बिहार पुलिस टीम के साथ सहयोग नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि बेहतर समन्वय के लिए उन्होंने जिस आईपीएस अधिकारी को भेजा था, उसे क्वारंटीन कर दिया गया और बिहार पुलिस की टीम को सिर्फ पांच दिन बाद ही वापस भेज दिया गया। तत्कालीन बिहार डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी दावा नहीं किया कि अभिनेता की हत्या की गई थी, बल्कि केवल इतना कहा कि उनकी मौत संदिग्ध थी और वे गहन जांच चाहते थे।
न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा, “जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर आई तो मामला 20 दिनों के भीतर शांत हो गया। 20 दिनों के बाद उनके पिता ने पटना में मामला दर्ज कराया जिसकी जांच के लिए एक टीम भेजी गई। लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने सहयोग नहीं किया। मैंने बेहतर समन्वय के लिए एक आईपीएस अधिकारी को भेजा। लेकिन उसे क्वारंटीन कर दिया... मुझे किसी के खिलाफ पक्षपात करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उस दौरान मुंबई पुलिस ने जिस तरह का आचरण दिखाया, उससे देश में लोगों के मन में संदेह पैदा हुआ।”
उन्होंने कहा, "सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लिया और सालों बाद...मैं कुछ नहीं कहना चाहता। सीबीआई ने इस मामले की जांच की, मुझे जांच करने का मौका नहीं मिला। मेरी टीम को 5 दिन बाद वापस भेज दिया गया और दूसरे अधिकारी को 10 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया। इसलिए, बिहार पुलिस की टीम को जांच करने का मौका ही नहीं मिला।" पांडे ने चिंता व्यक्त की कि सीबीआई ने सभी सबूतों को उजागर नहीं किया होगा या कुछ सबूत नष्ट हो गए होंगे। उन्होंने कहा, "अभी भी संदेह हो सकता है कि सीबीआई को सभी सबूत नहीं मिले या शायद कुछ सबूत नष्ट भी हो गए हों। लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई थी। मैंने बस इतना कहा कि यह एक संदिग्ध मौत थी और इसकी ठीक से जांच की जा सकती थी। अगर मुंबई पुलिस ने मामले को अच्छी तरह से संभाला होता और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सभी सवालों के जवाब दिए होते, तो मुंबई पुलिस की बदनामी नहीं होती...मैं सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि यह एक पेशेवर एजेंसी है। अगर उसे सबूत नहीं मिल सकते तो वह और क्या कर सकती है?''