कश्मीर के हालात खुद से सामान्य नहीं बने, जबरन बनाए गए; मोदी सरकार पर बरसे CM अब्दुल्ला
- दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सामान्य स्थिति प्राकृतिक होती, तो यह स्थायी होती, लेकिन जबरदस्ती लागू की गई स्थिति लंबे समय तक नहीं टिक सकती।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मौजूदा हालात सामान्य होने का दावा भ्रामक है और यह "खुद से नहीं, बल्कि जबरन थोपे गए हैं।" इसी के साथ उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद केंद्रशासित प्रदेश में "सामान्य स्थिति" होने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि यह स्थिति स्वाभाविक नहीं, बल्कि जबरदस्ती लागू की गई है।
दिल्ली में एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि अगर सामान्य स्थिति प्राकृतिक होती, तो यह स्थायी होती, लेकिन जबरदस्ती लागू की गई स्थिति लंबे समय तक नहीं टिक सकती। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा बलों और आम जनता को भी इस स्थिति की स्वाभाविकता पर भरोसा नहीं है।
जामिया मस्जिद बंद करने पर सवाल
अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई और श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को शब-ए-बरात के मौके पर बंद किए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "अगर सरकार को लगता कि सामान्य स्थिति स्वाभाविक है, तो वे मीरवाइज उमर फारूक को उनके ससुर के जनाजे की नमाज पढ़ाने से नहीं रोकते। प्रशासन ने इसे रोकने के पीछे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई। अगर सब कुछ सामान्य होता, तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती।"
उन्होंने 2010 की स्थिति का भी जिक्र किया, जब कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 200 से अधिक युवाओं की मौत हुई थी। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद हड़तालें और अलगाववादी गतिविधियां कम हुई हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।
अनुच्छेद 370 पर नरम पड़े उमर अब्दुल्ला?
2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद उपराज्यपाल को अधिक प्रशासनिक शक्तियां दी गईं। इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बिना जनता को शामिल किए प्रशासनिक व्यवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती। गौरतलब है कि हाल के दिनों में अब्दुल्ला केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख अपनाते दिखे हैं। उन्होंने पिछले महीने ही अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में आए बदलावों का जिक्र किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति बहाल करने की अपनी पुरानी मांग पर भी नरमी दिखाई है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह "इतने नासमझ नहीं हैं कि केंद्र सरकार से अनुच्छेद 370 की बहाली की उम्मीद करें।"