Supreme Court denies wife maintenance as Couple equally placed, पति एक लाख कमाता है और मैं 60 हजार, गुजारा भत्ता चाहिए; पत्नी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया, India News in Hindi - Hindustan
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पति एक लाख कमाता है और मैं 60 हजार, गुजारा भत्ता चाहिए; पत्नी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया

  • महिला ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार है, भले ही उसकी अपनी आय हो। उसने कहा कि पति की मासिक आय लगभग 1 लाख रुपये है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 22 March 2025 08:27 AM
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पति एक लाख कमाता है और मैं 60 हजार, गुजारा भत्ता चाहिए; पत्नी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि पति और पत्नी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति समान है, तो पत्नी को गुजारा भत्ता देने की आवश्यकता नहीं है। यह निर्णय एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें उसने अपने अलग हुए पति से गुजारा भत्ता मांगा था। कोर्ट ने इस मामले में पाया कि दोनों पक्ष सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और महिला स्वतंत्र रूप से अपनी जरूरतें पूरी करने में सक्षम है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता और प्रतिवादी (पति-पत्नी) दोनों एक ही पद यानी सहायक प्रोफेसर पर कार्यरत हैं। इसलिए इस विशेष अनुज्ञा याचिका को खारिज किया जाता है।" कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पत्नी आत्मनिर्भर है और अपनी आय से जीवनयापन कर सकती है, तो पति पर गुजारा भत्ता देने का दायित्व नहीं बनता।

महिला ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार है, भले ही उसकी अपनी आय हो। उसने कहा कि पति की मासिक आय लगभग 1 लाख रुपये है, जबकि उसकी आय करीब 60,000 रुपये है। हालांकि, पति की ओर से अधिवक्ता शशांक सिंह ने कोर्ट को बताया कि दोनों की स्थिति समान होने के कारण गुजारा भत्ता देने की कोई जरूरत नहीं है। इस दावे की पुष्टि के लिए कोर्ट ने दोनों पक्षों से पिछले एक साल की सैलरी स्लिप जमा करने को कहा था।

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यह मामला तब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और निचली अदालत ने महिला की गुजारा भत्ता की मांग को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को महिलाओं के आत्मनिर्भरता और समानता के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह निर्णय उन मामलों में मिसाल बन सकता है, जहां पति-पत्नी दोनों की आर्थिक स्थिति समान हो और कोई भी पक्ष दूसरे पर निर्भर न हो।Amit ku