पाकिस्तान के बड़े शहरों में खुलेआम घूमते हैं आतंकी, सेना भी देती है साथ; जयशंकर ने खोल दी पोल
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता। भारत के लिए आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है, जिसे किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान को खुलकर घेरा है। डच अखबार को दिए गए एक इंटरव्यू में जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना आतंकवाद में पूरी तरह से लिप्त है। यह सोचना भ्रम होगा कि उन्हें अपने देश में चल रहे आतंकी नेटवर्क की जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि जयशंकर इस समय नीदरलैंड की सरकारी यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य भारत-डच संबंधों को और मजबूत करना है। यूरोपीय संघ में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने के नाते यह यात्रा विशेष महत्व रखती है।
जयशंकर ने कहा, "हम यह दिखावा न करें कि पाकिस्तान को कुछ पता नहीं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी खुलेआम पाकिस्तान के बड़े शहरों में घूमते हैं। उनके पते और संपर्क सब कुछ ज्ञात हैं। सरकार और सेना दोनों इसमें लिप्त हैं।" उन्होंने कहा कि यदि वहां शहर के बीचोंबीच हजारों लोगों के सैन्य प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हों तो क्या सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी?
'ऑपरेशन सिंदूर' को बताया साहसी कदम
विदेश मंत्री ने 7 मई को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति करार दिया। उन्होंने कहा कि देश को इस कार्रवाई के लिए सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि यह केवल जवाबी हमला नहीं बल्कि न्याय का प्रतीक है। आपको इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। यह जवाब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
हम पर हमला हुआ, तो परिणाम भुगतने होंगे
जयशंकर ने पाकिस्तान को चेताया कि अगर भविष्य में आतंकवादी हमले होते हैं तो उसके परिणाम गंभीर होंगे। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को यह बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि अगर फिर कोई हमला हुआ तो उसका जवाब मिलेगा।"
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता। भारत के लिए आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है, जिसे किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और जो भाग अवैध कब्जे में हैं, वे भारत को लौटाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय है। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।