F-1 वीजा क्या है? भारत समेत कई विदेशी छात्रों के कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर रही ट्रंप सरकार, हंगामा क्यों
- अमेरिका में एफ-1 स्टूडेंट वीजा रद्द होने से दुनिया के कई देशों से आए छात्रों पर पड़ रहा है, भारतीय छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं। भारत से हर साल 2 लाख से अधिक छात्र अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते हैं।

अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे भारतीय समेत सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्र इस वक्त भारी तनाव में हैं। अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा कई छात्रों के F-1 स्टूडेंट वीजा और SEVIS रिकॉर्ड अचानक रद्द किए जा रहे हैं। SEVIS एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग सिस्टम है, जिसे अमेरिकी सरकार के निर्देश पर चलाया जाता है। स्टूडेंट वीजा रद्द होने से दुनिया के कई देशों से आए छात्रों पर पड़ा है, भारतीय छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है?
हाल के हफ्तों में हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, UCLA, कोलंबिया, पेनसिल्वेनिया, ड्यूक, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, और नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी जैसी शीर्ष संस्थाओं ने पुष्टि की है कि उनके कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्द हुए हैं। इन कार्रवाइयों के पीछे अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और स्टेट डिपार्टमेंट का तर्क है कि कुछ मामलों में नेशनल सिक्योरिटी और प्रोटेस्ट्स में भागीदारी को लेकर चिंताएं थीं, खासकर उन छात्रों के लिए जिन्हें प्रो-फिलिस्तीन एक्टिविज़्म से जोड़ा गया है। हालांकि कई यूनिवर्सिटीज ने साफ किया है कि यह कार्रवाई मुख्य रूप से इमिग्रेशन स्टेटस में तकनीकी गड़बड़ियों या SEVIS रिकॉर्ड की त्रुटियों के कारण हुई है।
भारत के छात्रों में बेचैनी
अमेरिका की ओर से जारी किसी आधिकारिक दस्तावेज़ में भारतीय छात्रों का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया है, लेकिन चूंकि भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सबसे बड़ी आबादी में से एक हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस कार्रवाई से भारतीय छात्र भी प्रभावित हुए हैं।
भारत से हर साल 2 लाख से अधिक छात्र अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते हैं और इनकी बड़ी संख्या STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स) कोर्सेज़ में होती है। ऐसे में अचानक वीज़ा या इमीग्रेशन रिकॉर्ड टर्मिनेशन की खबरें भारतीय छात्रों में तनाव पैदा कर रही हैं। दिल्ली की रहने वाली नेहा अग्रवाल UCLA में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही हैं, उनका कहना है, “हम अपने क्लासमेट्स के वीजा टर्मिनेशन की खबरें सुनकर डरे हुए हैं। हर कोई अपना SEVIS स्टेटस चेक कर रहा है। हमें डर है कि कहीं हमें भी बिना चेतावनी के अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर न किया जाए।”
आखिर क्या है F-1 स्टूडेंट वीजा?
F-1 वीज़ा अमेरिका का फुल-टाइम एकेडमिक स्टडी के लिए दिया जाने वाला वीजा है, जो वहां पढ़ाई के दौरान सीमित वर्क राइट्स- जैसे ऑन-कैम्पस जॉब या OPT प्रोग्राम भी देता है। इस वीज़ा के ज़रिए छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन किसी भी इमीग्रेशन नियम का उल्लंघन करने पर यह वीज़ा तुरंत रद्द भी किया जा सकता है।
कई संस्थानों ने इसे लेकर अमेरिकी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। UC सिस्टम के अनुसार, अकेले उनकी यूनिवर्सिटी के करीब 35 छात्रों के वीज़ा या इमीग्रेशन स्टेटस टर्मिनेट किए गए हैं। नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी ने जानकारी दी कि 40 से ज्यादा छात्रों और पूर्व छात्रों को प्रभावित किया गया है। यूनिवर्सिटीज़ फिलहाल कानूनी मदद दे रही हैं और छात्रों को शांत रहने की सलाह दी है।