ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारत ने पाकिस्तान के इन 9 जगहों पर ही क्यों चुना? जानें इनके महत्व
भारत द्वारा जिन नौ स्थलों को निशाना बनाया गया, वे आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज़्बुल मुजाहिद्दीन (HM) के प्रमुख प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक केंद्र थे।

Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकवादी ढांचों को बर्बाद कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह "फोकस्ड स्ट्राइक" आतंकवादी गतिविधियों की जड़ों पर हमला करने के लिए की गई थी। इन हमलों के माध्यम से भारत ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले ठिकानों को निशाना बनाया है।
भारत द्वारा जिन नौ स्थलों को निशाना बनाया गया, वे आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज़्बुल मुजाहिद्दीन (HM) के प्रमुख प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक केंद्र थे। इन ठिकानों से भारत में आतंकी घुसपैठ, हथियारों की आपूर्ति, ड्रोन के माध्यम से मादक पदार्थों और गोला-बारूद की तस्करी की जा रही थी।
1. मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर, पाकिस्तान
मरकज सुभान अल्लाह पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर के कराची मोड़ पर बहावलपुर के बाहरी इलाके में NH-5 (कराची-तोरखम हाईवे) पर स्थित है। यह युवाओं के प्रशिक्षण और उन्हें प्रेरित करने के लिए जैश का मुख्य केंद्र है। यह 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मरकज जैश के संचालन मुख्यालय के रूप में कार्य करता है और पुलवामा हमले सहित आतंकवादी योजना से जुड़ा हुआ है। पुलवामा हमले के अपराधियों को इसी शिविर में प्रशिक्षित किया गया था।
जैश के महत्वपूर्ण आतंकियों के आवासों के अलावा, इस परिसर में 600 से अधिक कैडर रहते हैं। मरकज उस्मान-ओ-अली के पूर्व धार्मिक प्रशिक्षक मौलाना रफीकुल्लाह 2022 के मध्य से मरकज में मुख्य प्रशिक्षक है। यह राजस्थान के बीकानेर के खाजूवाला के सामने आईबी से 100.4 किमी (लगभग) की हवाई दूरी पर स्थित है।
2. मरकज तैयबा, मुरिदके, पाकिस्तान
लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का यह केंद्र 82 एकड़ में फैला हुआ है और हथियार, फिजिकल ट्रेनिंग और आतंक के प्रचार का मुख्य अड्डा है। मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब और अन्य ने यहीं से "दौरा-ए-रिब्बत" नामक प्रशिक्षण लिया था। इसमें एक मदरसा, बाजार, आतंकवादी संगठनों के लिए आवासीय क्षेत्र, एक मछली फार्म और कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इस परिसर में हथियार और शारीरिक प्रशिक्षण की सुविधा है। पाकिस्तान और विदेश दोनों जगहों के आतंकवादियों को यहां ट्रेनिंग की जाती है। यह मरकज छात्रों को कट्टरपंथी बनाने के लिए एक मैदान के रूप में कार्य करता है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को यहीं ट्रेनिंग दी गई थी। उनमें अजमल कसाब भी शामिल था। डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा ने जकी-उर-रहमान लखवी के निर्देश पर अब्दुल रहमान सईद उर्फ पाशा, हारून और खुर्रम (सह-साजिशकर्ता) के साथ मुरीदके का दौरा किया था। इस मरकज के परिसर में लश्कर के विचारक आमिर हमजा, अब्दुल रहमान आबिद और जफर इकबाल रहता है। लश्कर के कमांडर खुबैब, ईसा और कासिम अक्सर इस मरकज में आता था।
3. सरजल/तेहरा कलां, शकर्गढ़, पाकिस्तान
यह जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख लॉन्च पैड है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 6 किमी की दूरी पर है। यहां से भारत में सुरंगों और ड्रोन के ज़रिए आतंकियों की घुसपैठ करवाई जाती है। तेहरा कलां जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य लॉन्चिंग स्थल है। यह पाकिस्तान के पंजाब में नरोवाल जिले की शकरगढ़ तहसील में स्थित है। इसे सरजाल क्षेत्र के तेहरा कलां गांव में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चलाया जाता है। जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में आईबी से लगभग 06 किमी की दूरी पर स्थित होने के कारण यह जैश-ए-मोहम्मद सुविधा विशेष महत्व रखती है। आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद ने शकरगढ़ क्षेत्र में भूमिगत सुरंगों का एक नेटवर्क विकसित किया है, जिसका उपयोग भारत में जैश-ए-मोहम्मद के कैडरों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।
4. मेहमूना जोया, सियालकोट, पाकिस्तान
हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) का यह केंद्र जम्मू क्षेत्र में आतंकियों की घुसपैठ और हथियार प्रशिक्षण का ठिकाना है। इसके प्रमुख इरफान टांडा कई हमलों में शामिल रहा है।
5. मरकज अहले हदीस, बरनाला, पीओके
लश्कर-ए-तैयबा का यह अड्डा पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकियों की घुसपैठ के लिए प्रयोग होता है। यहां 100–150 आतंकी ठहरे रहते हैं।
6. मरकज अब्बास, कोटली, पीओके
जेईएम का यह केंद्र पठानकोट हमले के बाद प्रमुख हथियार भंडारण स्थान बना। यहां 100 से अधिक आतंकी प्रशिक्षण लेते हैं।
7. मस्कर रहील शाहिद, कोटली, पीओके
यह हिजबुल का सबसे पुराना प्रशिक्षण केंद्र है, जो स्नाइपिंग और हिल वॉरफेयर में विशेष प्रशिक्षण देता है। यह क्षेत्र अत्यधिक जंगली और दुर्गम इलाका है।
8. शवाई नाला कैंप, मुज़फ़्फराबाद, पीओके
लश्कर का यह अड्डा 2000 से सक्रिय है। यहां धार्मिक कट्टरपंथ, हथियार प्रशिक्षण और पाकिस्तानी सेना के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
9. सैयदना बिलाल मरकज, मुज़फ्फराबाद, पीओके
जेईएम का यह ट्रांजिट कैंप भारतीय सीमा में घुसपैठ से पहले आतंकियों के अस्थायी ठहराव के लिए प्रयोग होता है। पाकिस्तानी स्पेशल फोर्सेस (SSG) भी यहां प्रशिक्षण देती है।
इन सटीक हमलों के माध्यम से भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाए हुए है और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।