गाजियाबाद में क्राइम कंट्रोल के लिए नए पुलिस कमिश्नर ने उठाया बड़ा कदम, लागू किया बीट सिस्टम
गाजियाबाद में अपराध पर अंकुश लगाने और कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर द्वारा शुक्रवार से जिले में बीट सिस्टम सख्ती से लागू किया गया है। इसके लिए 2096 बीट बनाकर बीट पुलिस अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है।

गाजियाबाद में अपराध पर अंकुश लगाने और कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर द्वारा शुक्रवार से जिले में बीट सिस्टम सख्ती से लागू किया गया है। इसके लिए 2096 बीट बनाकर बीट पुलिस अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है।
पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दौरान बताया कि शहरी क्षेत्र में पांच हजार और ग्रामीण इलाकों में तीन हजार की आबादी के मानक से बीट बनाकर पुलिस अधिकारी की तैनाती की गई है। इस तरह तीनों जोन में कुल 2096 बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ) बनाए गए हैं। सिटी जोन में 512, ट्रांस हिंडन जोन में 693 और ग्रामीण जोन में सर्वाधिक 891 बीट बनाई गई हैं। खोड़ा थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 195, निवाड़ी और मधुबन बापूधाम में सबसे कम 40-40 बीट बनाई गई हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बीट पुलिसिंग में महिला पुलिसकर्मियों की 10 से 15 फीसदी भागीदारी तय की गई है। बीपीओ अपने क्षेत्र की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे और जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निस्तारण भी करेंगे। इसके अलावा अपराधियों पर आवश्यक कार्रवाई भी कर सकेंगे।
बीपीओ के पास ये जिम्मेदारी रहेगी : पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बीपीओ को बीट बुक दी गई है, जिसमें क्षेत्र की गतिविधियों, अपराध, अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर, सभ्रांत लोगों, ग्राम-मोहल्लों, सोसाइटी, मॉल, रेलवे स्टेशन, बस, मेट्रो स्टेशन, अस्पताल, बैंक, धार्मिक स्थल, सर्राफा, मार्केट और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की जानकारी रखनी होगी। बीपीओ द्वारा पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस और अन्य सभी तरह के वेरिफिकेशन किए जाएंगे। प्रार्थना पत्रों की जांच भी बीपीओ करेंगे।
अपराधियों का ब्योरा रखना होगा
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बीपीओ और बीट सब-इंस्पेक्टर को हिस्ट्रीशीटर से लेकर छोटे अपराधियों का रिकॉर्ड रखना होगा। उनके बारे में उच्चाधिकारियों को सूचना देनी होगी। बीपीओ घटनास्थल के निरीक्षण से लेकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी में भूमिका निभाएंगे। गोकशी, सट्टेबाजी और मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाना भी बीपीओ की जिम्मेदारी है।
विभिन्न वेरिफिकेशन के लिए समयसीमा तय
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि सिटीजन चार्टर के तहत विभिन्न वेरिफिकेशन के लिए समयसीमा तय की गई है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन 15 दिन में करना होगा। वहीं, पुलिस, चरित्र, किराएदार, नौकर और कर्मचारी वेरिफिकेशन दस दिन के भीतर करना होगा। किसी आयोजन की एनओसी जारी करने की अधिकतम अवधि पांच दिन है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि रिश्वत मांगने की शिकायत के लिए तीनों डीसीपी, दोनों एडिशनल सीपी और खुद अपना नंबर सार्वजनिक किया है। 37 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाए जाएंगे।