दिल्ली के तिहाड़ जेल का बदल जाएगा ठिकाना,रेखा सरकार ने बजट में समझा दी पूरी बात
- भारत की सबसे बड़े जेलों में से एक तिहाड़ जेल का ठिकाना बदलने वाला है। रेखा सरकार ने इसके सर्वे और रिलोकेशन के लिए बजट में इस बार 10 करोड़ रखे हैं। दिल्ली सरकार का यह निर्णय आवासीय क्षेत्रों से जेल की निकटता के कारण सुरक्षा चिंताओं से उपजा है।

भारत की सबसे बड़े जेलों में से एक तिहाड़ जेल का ठिकाना बदलने वाला है। रेखा सरकार ने इसके सर्वे और रिलोकेशन के लिए बजट में इस बार 10 करोड़ रखे हैं। दिल्ली सरकार का यह निर्णय आवासीय क्षेत्रों से जेल की निकटता के कारण सुरक्षा चिंताओं से उपजा है। 1958 में स्थापित तिहाड़ जेल भारत के सबसे बड़े जेल परिसरों में से एक है,जिसमें 400 एकड़ से अधिक में फैले नौ केंद्रीय जेल शामिल हैं।
दिल्ली की नई सरकार ने अपने पहले बजट में बताया कि तिहाड़ जेल को शहर के बाहरी इलाके में स्थानांतरित करने की योजना है। सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि 2025-26 के बजट में इसके लिए सर्वेक्षण और परामर्श सेवाओं के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
तिहाड़ जेल आधिकारिक तौर पर तिहाड़ कारागार के नाम से जाना जाता है। यह दिल्ली में स्थित भारत का सबसे बड़ा और सबसे उच्च सुरक्षा वाला जेल परिसर है। तिहाड़ जेल में गैंगस्टरों, राजनेताओं और यहां तक कि वीआईपी को भी रखा जाता है। जेल को 1,273 कैदियों को रखने की क्षमता के साथ शुरू किया गया था,जिसे बढ़ाकर 5,000-6,000 कर दिया गया है। हालांकि,इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार,जेल में 13,000 से अधिक कैदी हैं।
इसकी स्थापना 1958 में हुई थी और यह मूल रूप से दिल्ली के पास तिहाड़ गांव में एक छोटी जेल के रूप में शुरू हुई थी। इसे दिल्ली क्षेत्र के अपराधियों को रखने के लिए बनाया गया था,क्योंकि मौजूदा जेल का बुनियादी ढांचा अपर्याप्त था। 1966 में, तिहाड़ को पंजाब प्रशासन से दिल्ली सरकार को स्थानांतरित कर दिया गया और यह राजधानी की मुख्य जेल बन गई। तिहाड़ परिसर में नौ जेलें शामिल हैं।