प्रदूषण पर प्रहार, दिल्ली सरकार के इस विभाग में चलेंगे सिर्फ ईवी; डीजल गाड़ियों के वन क्षेत्रों में प्रवेश पर रोक
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर एक और प्रहार किया है। सरकार ने वन विभाग से डीजल से चलने वाली सभी गाड़ियों को हटाने का निर्देश दिया है। पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली के जंगलों को शांत और स्वच्छ आवागमन की जरूरत है, धुआं और शोर की नहीं।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर एक और प्रहार किया है। सरकार ने वन विभाग से डीजल से चलने वाली सभी गाड़ियों को हटाने का निर्देश दिया है। पर्यावरण मंत्री सिरसा सिरसा कहा कि दिल्ली के जंगलों को शांत और स्वच्छ आवागमन की जरूरत है, धुआं और शोर की नहीं।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और दिल्ली में प्रदूषण कम करने की दिशा में एक कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार ने अगले 60 दिनों के भीतर वन विभाग से सभी डीजल वाहनों हटाने का निर्देश दिया है। इनकी जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस आशय का एक आदेश जारी किया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के वन क्षेत्रों में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अनिवार्य बनाया गया है।
आदेश में तत्काल प्रभाव से गैर आवश्यक, गैर इलेक्ट्रिक वाहनों (सरकारी और निजी) के संरक्षित वन क्षेत्रों में प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई गई है। सिरसा ने कहा कि दिल्ली के जंगलों को शांत और स्वच्छ आवागमन की जरूरत है। धुआं और शोर की नहीं। उन्होंने वन क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने और वन्यजीवों के स्वास्थ्य की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि वन विभाग को अपने वाहनों के बेड़े का पता लगाने और सात दिनों के भीतर योजना प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है। यह कदम पर्यावरण अनुकूल और सतत विकास पर दिल्ली सरकार के नए फोकस के तहत एक व्यापक पहल का हिस्सा है। बयान के अनुसार, सिरसा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं के लिए 506 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई है।
सिरसा ने कहा कि स्वच्छ हवा के साथ हरियाली से भरपूर दिल्ली कोई दूर का सपना नहीं है। यह हमारी जीवंत प्रतिबद्धता है। स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाकर और अपने जंगलों को पोषित करके हम दिल्ली के हर नागरिक के लिए एक स्वस्थ, मजबूत भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।
दिल्ली के हरित क्षेत्र का विस्तार करने, वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने और शहरी जैव विविधता को बढ़ावा देने के प्रयास में शहर भर में लगभग 70 लाख पौधे लगाने की योजना भी चल रही है।