CLAT रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दिल्ली HC में सुनवाई, पीटीशन में क्या दावा
दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार 7 अप्रैल को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2025) के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। यह परीक्षा दिसंबर में आयोजित की गई थी और उसी महीने इसका परिणाम घोषित किया गया था।

दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार 7 अप्रैल को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2025) के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। ग्रेजुएट (स्नातक) और पोस्टग्रेुएट (स्नातकोत्तर) स्तर (CLAT UG और CLAT PG) पर आयोजित होने वाली यह परीक्षा देश भर के छात्रों के लिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों और विभिन्न कोर्स में एडमिशन लेने को एंट्री का रास्ता खोलता है। यह परीक्षा दिसंबर में आयोजित की गई थी और उसी महीने इसका परिणाम घोषित किया गया था।
विभिन्न हाईकोर्ट में परिणाम को लेकर कई याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें दावा किया गया कि परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे। फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने परस्पर विरोधी निर्णयों से बचने और कार्यवाही को सुचारू बनाने के लिए क्लैट परिणाम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना की अगुवाई वाली और जस्टिस संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि क्लैट यूजी और पीजी परिणामों को लेकर इसी तरह की चुनौतियां कर्नाटक, मध्य प्रदेश, कलकत्ता, बॉम्बे और पंजाब और हरियाणा सहित कई हाईकोर्ट में लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा था, "हम एक व्यापक आदेश पारित करने के इच्छुक हैं कि यदि भविष्य में किसी अन्य हाईकोर्ट के समक्ष इसी तरह का मुद्दा उठाया जाता है, तो कंसोर्टियम इन मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए इस आदेश की एक प्रति दाखिल कर सकता है।" दिल्ली हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई में जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने मामले पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे छात्रों की चिंता को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई पर जोर दिया था और सुझाव दिया था कि इस मामले का शीघ्र समाधान किया जा सकता है।
एनएलयू कंसोर्टियम के वकील, जो सीएलएटी परीक्षा और काउंसलिंग के आयोजन के लिए जिम्मेदार संस्था है, ने क्लैट यूजी और पीजी परीक्षाओं को लेकर दायर चुनौतियों को स्वीकार किया। संस्था ने सवालों और प्रासंगिक निर्णयों का संकलन तैयार करने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की।