Fake call centre in Gurugram busted for duping Canadians गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, टीम लीडर समेत 13 गिरफ्तार; कनाडा के लोगों से करते थे ठगी, Ncr Hindi News - Hindustan
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गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, टीम लीडर समेत 13 गिरफ्तार; कनाडा के लोगों से करते थे ठगी

पुलिस ने गुरुग्राम में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में टीम लीडर समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर कनाडा के लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। इन लोगों के पास से 12 लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, गुरुग्रामSat, 22 March 2025 09:12 PM
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गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, टीम लीडर समेत 13 गिरफ्तार; कनाडा के लोगों से करते थे ठगी

पुलिस ने गुरुग्राम में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में टीम लीडर समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर कनाडा के लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। इन लोगों से 12 लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए।

गुरुग्राम में पुलिस ने एक कथित फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। यहां काम कर रहे लोग माइक्रोसॉफ्ट के प्रतिनिधि बनकर तकनीकी सहायता प्रदान करने की पेशकश करके कनाडा में कुछ लोगों से ठगी कर रहे थे। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पुलिस ने सुशांत लोक फेज 3 में एक किराए के मकान से संचालित किए जा रहे कॉल सेंटर के टीम लीडर सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।

गुरुग्राम के एसीपी (साइबर) प्रियांशु दीवान ने कहा कि ये लोग कनाडाई नागरिकों के कंप्यूटरों में पॉप-अप के जरिए वायरस भेजकर माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट की कस्टमर केयर सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर ठगते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने गिफ्ट वाउचर का उपयोग करके ग्राहकों से धोखाधड़ी करके 300 से 500 डॉलर लिए। उनके कब्जे से 12 लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि साइबर क्राइम थाना (दक्षिण) में बीएनएस और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

साइबर क्राइम थाना (दक्षिण) के एसएचओ इंस्पेक्टर नवीन कुमार को सूचना मिली कि सुशांत लोक फेज 3 के बी ब्लॉक में एक किराए के मकान से फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। कुमार और उनकी टीम ने शुक्रवार रात घर पर छापा मारा। कॉल सेंटर में पुरुष और महिला कथित तौर पर कंप्यूटर पर व्यस्त थे। उनमें से कई पुलिस के पहुंचने पर अंग्रेजी में कॉल कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि उनके पास दूरसंचार विभाग का कोई वैध ओएसपी लाइसेंस या उनके काम से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज नहीं था। कॉल सेंटर के कर्मचारियों को प्रति माह 30,000 रुपए सैलरी दी जाती थी।