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फरीदाबाद के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी डिजिटल अरेस्ट,गंवा दिए 77 लाख,कैसे मिला धोखा?

पुलिस के अनुसार पीड़ित सेक्टर-21सी स्थित नालंदा अपार्टमेंट में परिवार के साथ रहते हैं। वह दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से उच्च पद से सेवानिवृत्त हैं। पीड़ित ने शिकायत में बताया कि 22 अप्रैल को उनके मोबाइल फोन पर एक अंजान मोबाइल नंबर से मैसेज आया।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, फरीदाबादMon, 19 May 2025 10:40 AM
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फरीदाबाद के पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी डिजिटल अरेस्ट,गंवा दिए 77 लाख,कैसे मिला धोखा?

साइबर ठगों ने दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 77 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपी ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर उनसे बात की थी।पीड़ित ने बताया कि उन्हें एक एयरलाइंस कंपनी के मालिक के साथ हुई ठगी का आरोपी बताया था। दर्ज एफआईआर से नाम कटवाने के एवज में ठगी की। पुलिस के अनुसार पीड़ित सेक्टर-21सी स्थित नालंदा अपार्टमेंट में परिवार के साथ रहते हैं। वह दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से उच्च पद से सेवानिवृत्त हैं।

पीड़ित ने शिकायत में बताया कि 22 अप्रैल को उनके मोबाइल फोन पर एक अंजान मोबाइल नंबर से मैसेज आया। मैसेज में मुंबई क्राइम ब्रांच लिखा था। इसके तुरंत बाद उसी मोबाइल नंबर से कॉल भी आया। कॉल उठाते ही एक व्यक्ति अपने आपको मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया।

इसके साथ ही आरोपी ने कहा कि उनके आधार कार्ड से मुंबई स्थित एक बैंक में खाता खोला गया है। साथ ही उस खाते में एक एयरलाइंस कंपनी के मालिक के साथ हुई ठगी के रुपये जमा करवाए गए हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने आरोपियों से किसी प्रकार के घोखाधड़ी में संलिप्त होने की बात से इंकार किया। इसपर आरोपी गिरफ्तार करने करने की धमकी देने लगा और उन्हें वीडियो कॉल किया गया।

वीडियो कॉल पर उन्हें पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति और थाना आदि दिखाया गया। इससे वह डर गए। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उनसे दर्ज एफआईआर से नाम कटवाने के ऐवज में रुपये मांगे। साथ ही उन्हें वीडियो कॉल से नहीं हटने को कहा गया। आरोपियों ने वीडियो कॉल पर उन्हें पूरे घर का दृश्य दिखाने को कहा। इस तरह से पीड़ित डरकर आरोपियों द्वारा बताए बैंक खाते में दो बार करीब 77 लाख रुपये जमा करा दिए। फिर भी आरोपी उनसे पैसों की मांगते रहे। इस दौरान उन्हें ठगी का अहसास हुआ और तुरंत वीडियो कॉल काटकर साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर-1930 पर कॉल की।

दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग से हैं सेवानिवृत्त

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें वीडियो कॉल पर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान वीडियो कॉल से एक बार भी हटने नहीं दिया गया। वह बार-बार एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने को कहते।

कोई भी जांच एजेंसी इस तरह पूछताछ नहीं करती

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि देश की कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। यदि वीडियो कॉल पर पुलिस, सीबीआई, सीआईडी आदि के अधिकारी आ जाएं तो सब फर्जी होता है। इस तरह की कॉल आने पर कॉलर से कहें कि लोकल पुलिस के साथ घर आकर पूछताछ करें।

साइबर ठगी होने पर यहां शिकायत करें

साइबर ठगी होने पर जितना जल्दी शिकायत दर्ज कराएंगे, उतना धनराशि फ्रीज कराने में आसानी होगी। ठगी होने के 24 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1930 या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत अवश्य दर्ज करा दें।