Faridabad Poet s Work Included in School Curriculum Kishore Kumar Kaushal s Contribution किशोर कुमार की कविता गर्मी की छुट्टी कक्षा दो के पाठ्यक्रम में शामिल हुई, Faridabad Hindi News - Hindustan
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किशोर कुमार की कविता गर्मी की छुट्टी कक्षा दो के पाठ्यक्रम में शामिल हुई

फरीदाबाद के किशोर कुमार कौशल की कविता 'गर्मी की छुट्टी' को राजकीय विद्यालयों की तीसरी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे पहले उन्होंने 2016 में दूसरी कक्षा के लिए 'रंग बिरंगी होली' कविता...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादFri, 4 April 2025 11:27 PM
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किशोर कुमार की कविता गर्मी की छुट्टी कक्षा दो के पाठ्यक्रम में शामिल हुई

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। फतेहपुर बिल्लौच निवासी किशोर कुमार कौशल द्वारा लिखित कविता गर्मी की छुट्टी को राजकीय विद्यालयों की तीसरी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे पूर्व वर्ष 2016 में दूसरी कक्षा के हिंदी विषय के पाठ्यक्रम में में रंग बिरंगी होली को शामिल किया था। किशोर कुमार अब तक पांच हिंदी पर आधारित पुस्तकें लिख चुके हैं। किशोर कुमार कौशल राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता मां कह एक कहानी से और सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी एवं ''''कदंब का पेड़ कविताओं से काफी प्रभावित हुए थे। इन्होंने वर्ष 1980 से कविताएं लिखना शुरू की शुरू की थी। इन्होंने दोहों के माध्यम से आज समाज और मानवता के विघटन पर भी मानवता का द्वार नामक दोहे से कटाक्ष भी किया है। वह वाणिज्य मंत्रालय के एसटीसी ऑफ इंडिया लिमिटेड में राजभाषा संभाग में मुख्य प्रबंधक के पद से सेवामुक्त हुए हैं। इन्होंने वर्ष 2001 में पहला कविता संग्रह मिट्टी की पुकार तथा 2003 में पहला बालगीत संग्रह धुन्नक धुन प्रकाशित हुआ। इसे बल्लभ डोभाल, शेरजंग गर्ग व प्रकाश मनु जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों ने काफी सराहा था।

ऐसे बना पाठ्यक्रम का हिस्सा

किशाेर कुमार कौशल ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बाल गीतों पर आधारित पुस्तक का लोकापर्ण बच्चों से कराया था। इसमें नेहा नाम की बच्ची भी शामिल हुई। वह अपने साथ एक प्रति ले गई थी और उसने अपनी मां नीतू गुप्ता को वह प्रति दी थी। नीतू ऊंचा गांव स्थित राजकीय विद्यालय में अध्यापक हैं। वह कविताओं से काफी प्रभावित हुई थी। उन्होंने वह पुस्तक पाठ्यक्रम का कार्यभार देखने वाले देवेंद्र गौंड़ को दी थी। उन्हें भी कविताएं पसंद आईं। पाठ्यक्रम का काम देखने के चलते देवेंद्र गौड़ पंचकूला जाते रहते हैं। उन्होंने ही गर्मी की छुट्टी को तीसरी कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करवाया है। अभी दो दिन पूर्व पहचान के व्यक्ति ने फोन पर कविता के पाठ्यक्रम में शामिल होने की बात बताई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता गंगादान निहानिया आज 85 वर्ष की आयु में पूरे दिन लिखते पढ़ते रहते हैं। लिखने का गुण उनसे भी आया है। जिला शिक्षा अधिकारी अजित कुमार का कहना है कि सरकार ने फरीदाबाद के लेखक की कविता को शामिल किया है।

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