स्मार्ट सिटी में छह परियोजनाएं लटकीं, विकास का पहिया थमा
फरीदाबाद स्मार्ट सिटी में कई परियोजनाएँ बजट की कमी और विभागों के आपसी तालमेल की कमी के कारण कई वर्षों से अधूरी पड़ी हैं। नगर निगम ने मुख्यालय का निर्माण कार्य 2015 में शुरू किया था, लेकिन अब तक पूरा...

फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी में विभिन्न विभागों की छह परियोजनाएं वर्षों से सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं। बजट की कमी से लेकर विभागों में आपसी तालमेल और अधिकारियों की कार्यशैली भी इसके लिए जिम्मेदार है। इस वजह से विकास कार्य तय समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। नगर निगम प्रशासन सात वर्ष में भी सेक्टर-12 में नगर निगम मुख्यालय नहीं बना सका है। इस वजह से विभाग ने गत माह नया मुख्यालय बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। बजट के अभाव में यहां अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। सात जून सन् 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सेक्टर-12 में नगर निगम मुख्यालय बनाने की घोषणा की थी।
25 अक्तूबर सन् 2018 को इस मुख्यालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन, बीच में ही भवन के मूल डिजाइन में बदलाव कर दिया गया। इस कारण इस भवन का ज्यादा फंड बेसमेंट बनाने में ही खर्च हो गया। पूर्व में इस योजना के लिए करीब 42 करोड़ रुपये का बजट तैयार हुआ था। फिलहाल बजट के अभाव में इसका काम ठप पड़ा हुआ है। वहीं अमृत योजना के तहत बड़खल और पल्ला इलाके में काम पूरे नहीं हो सके हैं। ये काम करीब दो साल पहले पूरे हो जाने चाहिए थे। लेकिन, सीवर लाइन का काम पूरा नहीं हो सका है। इसी तरह पल्ला इलाके में भी अमृत योजना के काम पूरे नहीं हुए हैं। इस वजह से घर-घर पानी नहीं पहुंच पाया है। अमृत योजना के तहत बनाई जा रही सीवर लाइन को बड़खल रेलवे पुल और हाईवे के नीचे से ले जाकर सेक्टर-28 तक जोड़ने के लिए एनओसी(नन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेने में दो साल का समय लग गया। ये भी अधूरे पड़े हैं कार्य अंतरराष्ट्रीय राजा नाहर सिंह स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य पिछले करीब छह साल से ठप है। नगर निगम की ओर से वर्ष 2015 में शुरू किया गया निर्माण 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन काम में गड़बड़ी की आशंका के चलते मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। दो वर्ष पहले स्टेडियम के रुका निर्माण पूरा करने के लिए एफएमडीए को सौंप दिया गया। प्राधिकरण की 292 करोड़ की परियोजना तैयार की। लेकिन नगर निगम की ओर से एफएमडीए को एनओसी न मिलने के कारण अभी तक काम धारातल पर शुरू नहीं हो पाया है। मंझावली पुल फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली मंझावली पुल परियोजना जल्द ही पूरे रूप में कार्यान्वित होती नजर आ रही है। हरियाणा में पुल और सड़क निर्माण का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है, और अब उत्तर प्रदेश वाले हिस्से में भी तेजी से काम शुरू होने की संभावना बन रही है। परियोजना की सबसे बड़ी बाधा रही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अब पटरी पर आती नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश में इस परियोजना के तहत लगभग ढाई किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है, जिसके लिए लगभग साढ़े छह हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें लगभग 40 किसानों की जमीन शामिल है। कई महीनों तक किसानों और प्रशासन के बीच बातचीत चलती रही, लेकिन अब किसानों ने लोक निर्माण विभाग के नाम जमीन की रजिस्ट्री करानी शुरू कर दी है। बराही तालाब ओल्ड फरीदाबाद स्थित 10 एकड़ में फैले बराही तालाब कई दशक पुराना है। यहां पर हर साल बराही मेले का आयोजन होता है। इसके अलावा छठ पर भी श्रद्धालु यहां पर पूजा करने के लिए आते हैं। पिछले कई साल से इसकी हालत खराब हो चुकी है। करीब 12 वर्ष पहले स्मार्ट सिटी मिशन के अंदर बराही तालाब को बेहतर बनाने का प्रस्ताव था। तालाब के सुंदरीकरण को लेकर 12 करोड़ रुपये का प्रस्तावित तैयार किया गया है। यहां तालाब नाममात्र का ही बचा है। बारिश के दिनों में इसमें पानी भर जाता था और आसपास असामाजिक तत्व बैठे रहते थे। लोगों ने अतिक्रमण भी किया हुआ है। स्मार्ट सिटी परियोजना के अनुसार यहां एक नक्षत्र गार्डन तैयार करना प्रस्तावित है, जिसमें 27 पेड़ चारों दिशाओं में लगाए जाएंगे। एक डिजिटल गैलरी भी होगी जिसमें आटोमेटिक तरीके से लोग अपना भाग्य देख सकेंगे। तालाब के एक हिस्से में बच्चों के लिए पार्क, रेस्टोरेंट का निर्माण किया जाएगा। दंगल ग्राउंड बनाने के अलावा मेला ग्राउंड तैयार होगा, दुकानदारों के लिए वेंडिग जोन बनाने का भी प्रस्ताव है। लेकिन तालाब में जगह-जगह खुदाई के बाद काम अधर में छोड़ दिया गया है। ओल्ड फरीदाबाद पार्किंग स्मार्ट सिटी में पार्किंग की बड़ी समस्या है। शहर के किसी भी इलाके में स्थाई पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण लोग सड़क किनारे गाड़ी खड़ी कर देते हैं जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। ओल्ड फरीदाबाद मार्केट व इसके आसपास के इलाके में पार्किंग की सबसे ज्यादा समस्या है। इसको देखते हुए 10 साल पहले स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने एक प्रस्ताव तैयार किया था जिसमें मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की तैयार की गई थी। इस प्रॉजेक्ट को धरातल पर उतारने से पहले अधिकारियों ने दिल्ली स्थित ग्रेटर कैलाश और लाजपत नगर मार्केट में जाकर वहां की मल्टीलेवल कार पार्किंग को देखा और उसी की तर्ज पर शहर की पहली स्मार्ट पार्किंग का निर्माण किया गया। पार्किंग बने डेढ साल से अधिक हो गया है, लेकिन अब इसे लोगों के लिए चालू नहीं किया गया है। हालांकि एचएसवीपी अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम से पार्किंग का संचालन उन्हें सौंप दिया गया है। पार्किंग दरें तय करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।
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