महायज्ञ में राम अवतार की कथा
खैरा के चौहान डीह गांव में साध्वी राधिका किशोरी ने महायज्ञ मंच पर प्रवचन दिया। उन्होंने त्रेता युग में राजा दशरथ द्वारा किए गए पुत्रेष्टि यज्ञ का वर्णन किया, जिसमें भगवान राम और उनके भाइयों का जन्म...

खैरा । निज संवाददाता चौहान डीह गांव के शिवालय के प्रांगण में महायज्ञ मंच पर अयौध्या से पधारी साध्वी राधिका किशोरी के प्रवचन को सुनने के लिए सैकड़ो की संख्या में स्थानीय ग्रामीण प्रतिदिन श्रवण कर रहे हैं ।अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि त्रेता युग में अयौध्या के राजा चक्रवर्ती दशरथ को महर्षि वशिष्ठ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करने की सलाह दिया । उन्होंने ऐसा ही किया । यज्ञ के बाद तीनों रानियो से चार पुत्र का जन्म हुआ । भगवान राम के अवतरित होने की सूचना से अयौध्या के घर-घर में खुशियां छा गई । सभी देव एवं देवियों ने पुष्प की वर्षा की।
और सभी पुलकित हो उठे। यह देखकर माता पार्वती ने महादेव से पूछी की अयोँध्या में राम का जन्म हुआ है । तब उन्होंने कहा कि भगवान का जन्म नहीं होता है बल्कि उनका अवतार होता है और उनका बास हर प्राणियों के आत्मा में रहता है। राम चारों भाईयो ने अल्प समय में ही सभी अस्त्र- शास्त्र के हर प्रकार की विद्या हासिल कर लिया । कुछ दिनों बाद ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र राम लखन को लेने के लिए अयौध्या पहुंचे । क्योंकि उनके यज्ञ में असुर समूह बिघ्न डालता था । राजा दशरथ संकट में पड़ गए ।लेकिन वे वचन से बन्ध गए थे । इसलिए उन्हें राम लखन को ब्रह्म ऋषि विश्वामित्र को यज्ञ की रक्षा के लिए भेजना पड़ा । मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने उनके यज्ञ की सुरक्षा सफलतापूर्वक किया और निर्भय होकर विश्वामित्र का यज्ञ अनुष्ठान पूरा हुआ ।इसके बाद दोनों भाई सहित सीता स्वयंवर में जनकपुर पहुंचे ।
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