गाजियाबाद पुलिस के बीट अफसर रखेंगे अपराधियों के इनकम सोर्स और रिश्तेदारों की डिटेल
गाजियाबाद पुलिस के बीट ऑफिसर को अपनी इनकम का जरिया नहीं बताने वाले अपराधियों की मुश्किल बढ़ेंगी। रोजगार की जानकारी न देने वाले अपराधियों को संदेह के आधार पर अपराध में लिप्त माना जाएगा। ऐसे अपराधियों की निगरानी बढ़ेगी और उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।

गाजियाबाद पुलिस के बीट ऑफिसर को अपनी इनकम का जरिया नहीं बताने वाले अपराधियों की मुश्किल बढ़ेंगी। रोजगार की जानकारी न देने वाले अपराधियों को संदेह के आधार पर अपराध में लिप्त माना जाएगा। ऐसे अपराधियों की निगरानी बढ़ेगी और उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिसिंग में बीट प्रणाली दशकों से चली आ रही है, लेकिन गाजियाबाद कमिश्नरेट के दूसरे पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने 2 मई को इसे प्रभावी ढंग से लागू कराया है। कमिश्नरेट की जनसंख्या के आधार पर थानावार कुल 2096 बीट बनाते हुए उनके बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ) नियुक्त किए गए हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बीट प्रणाली में 10 से 15 फीसदी भागीदारी महिला पुलिसकर्मियों की भी तय की गई है। इतना ही नहीं, बीट पुलिस ऑफिसर के कार्यों का पर्यवेक्षण करने के लिए 770 सब इंस्पेक्टर तय किए गए हैं।
सभी बीट पुलिस ऑफिसर न सिर्फ अपने क्षेत्र पर नजर रखेंगे, बल्कि जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निस्तारण भी करेंगे। बीट पुलिस ऑफिसर को अपने क्षेत्र में होने वाले अपराध और क्षेत्र के अपराधियों पर नजर रखते हुए प्रभावी कार्रवाई करने का अधिकार भी दिया गया है।
इसी क्रम में उच्चधिकारियों ने निर्देशित किया है कि अपराध में लिप्त रहे लोगों को वर्तमान में अपनी इनकम का जरिया बीट पुलिस ऑफिसर को बताना होगा। वह नौकरी, मजदूरी या अपना कोई काम कर रहे हैं, इसकी डिटेल देते हुए अपने दावे को साबित भी करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले अपराधियों को संदेह के आधार पर अपराध में लिप्त मानते हुए उनकी निगरानी बढ़ाई जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
निकटतम रिश्तेदारों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा
एडिशनल सीपी ने बताया कि अपराधियों के निकटतम रिश्तेदारों के नाम और मोबाइल नंबर भी बीट पुलिस अधिकारी के रिकॉर्ड में रहेंगे। साथ ही अपराधी कितने मोबाइल नंबर और बैंक खाते इस्तेमाल कर रहा है, यह ब्योरा भी दर्ज किया जाएगा। प्रत्येक बीपीओ को बीट बुक दी गई है, जिसमें उन्हें अपने-अपने क्षेत्र की गतिविधियों, अपराध, अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर, सभ्रांत लोगों, ग्राम-मोहल्लों, सोसाइटी, मॉल्स, रेलवे स्टेशन, बस व मेट्रो स्टेशन, अस्पताल, बैंक, धार्मिक स्थल, सर्राफा, मार्केट और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की जानकारी रखनी होगी। बीपीओ द्वारा पासपोर्ट, किरायेदार, शस्त्र लाइसेंस और अन्य सभी तरह के वेरिफिकेशन किए जाएंगे। विभिन्न माध्यमों से आने वाले प्रार्थना पत्रों की जांच भी बीपीओ ही करेंगे। इसके अलावा बीपीओ द्वारा समन, नोटिस व वारंट को तामील किया जाएगा। गैर जमानती वारंट और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के प्रपत्रों आदि को बीट सब-इंस्पेक्टर द्वारा तामील कराया जाएगा।
अपराधियों की पैरवी करने वालों के नाम भी अंकित होंगे
अपराध पर अंकुश और अपराधियों की निगरानी बढ़ाने के लिए बीट प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। अपराधियों के साथ-साथ उनकी पैरवी करने वाले लोगों के नाम बीट पुलिस अधिकारी अपने रजिस्टर में दर्ज करेगा। अपराधियों के लापता या अंडरग्राउंड होने पर पैरवी करने वाले लोगों से संपर्क कर जानकारी हासिल करेंगे।