Supreme Court Ruling BJP Leader Demands Cancellation of Land Allotments to Legislators in Madhuban Bapudham Scheme जनप्रतिनिधियों को आवंटित भूखंड निरस्त करने की मांग, Ghaziabad Hindi News - Hindustan
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जनप्रतिनिधियों को आवंटित भूखंड निरस्त करने की मांग

गाजियाबाद में भाजपा नेता राजेंद्र त्यागी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मधुबन बापूधाम योजना में विधायकों को आवंटित भूखंडों के निरस्तीकरण की मांग की है। उन्होंने मुख्य सचिव और जीडीए...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादTue, 10 Dec 2024 06:49 PM
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जनप्रतिनिधियों को आवंटित भूखंड निरस्त करने की मांग

गाजियाबाद। तेलंगाना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र त्यागी ने मधुबन बापूधाम योजना में विधायकों को आवंटित भूखंड निरस्त करने की मांग की है। इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, और जीडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जीडीए ने करीब 14 साल पहले मधुबन बापूधाम योजना में विधायक व विधान परिषद सदस्यों को करीब 272 भूखंड आवंटित किए थे। यह पूरी प्रक्रिया गलत बताते हुए उन्होंने वर्ष 2010 में इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले में कोर्ट ने साल 2017 में शासन और जीडीए से जवाब मांगा था। पूर्व पार्षद का आरोप है कि इस मामले में प्राधिकरण की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसी बीच तेलंगाना में भी राजनेताओं के लिए प्राइम लोकेशन पर भूखंड आवंटन करने का मामला सामने आया। यह मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। भाजपा नेता ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में राजनेताओं को आवंटित हुए सभी भूखंड निरस्त कर दिए हैं। अब इस मामले का संज्ञान दिलाते हुए भाजपा नेता राजेंद्र त्यागी ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, और जीडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजकर विधायकों को किए गए भूखंड आवंटन को निरस्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिन भूखंडों की अभी रजिस्ट्री नहीं हुई। उनकी रजिस्ट्री को रोक दिया जाना चाहिए। जिनकी रजिस्ट्री हो चुकी है। उन पर नक्शे पास नहीं किए जाए। अगर नक्शे भी पास कर दिए हैं, तो निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि राजनेताओं को केवल पांच फीसदी आरक्षण दिए जाने का नियम है। वह भी जनता के लिए जो योजना निकाली जाएगी, सिर्फ उनमें ही। राजनेताओं के लिए अलग से कोई योजना लाने का नियम नहीं है। अगर कोई विकास प्राधिकरण इस तरह की योजना लाता है तो वह गलत है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश को लेकर एक बार फिर हाईकोर्ट में केस की पैरवी को तेज किया जाएगा। जिससे गलत तरीके से विधायकों को दिए गए भूखंडों को निरस्त करवाया जा सके।

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