ग्रेटर नोएडा के सभी गांव मेन रोड से जुड़ेंगे, किसानों के हक में भी कई फैसले
ग्रेटर नोएडा के गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाएगाGreater Noida all villages will be connected to main roads soon

ग्रेटर नोएडा के ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। ग्रेटर नोएडा के सभी गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का काम किया जाएगा। इसके लिए अधूरी सड़कों का निर्माण और क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा।
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्राधिकरण के बोर्ड रूम में हुई समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने यह आश्वासन दिया है।
सीईओ ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के जो भी गांव अब तक मुख्य मार्गों से नहीं जुड़ सके हैं, उनको प्राथमिकता पर जोड़ा जाएगा। विधायक ने किसानों की ग्रामीण आबादी की बैकलीज, भूखंड शिफ्टिंग, छह फीसदी आवासीय भूखंड, गांवों के विकास कार्य आदि से जुड़ी मांगों को प्राधिकरण अधिकारियों के समक्ष प्रमुखता के आधार पर रखा। इस पर सीईओ ने इन मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा कराने का भी आश्वासन दिया।
सीईओ ने बताया कि गांवों में सीवर लाइन, सड़क, बिजली, पानी आदि कार्यां के लिए 1000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने परियोजना विभाग को निर्देश दिया कि सभी गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। विधायक की तरफ से स्वर्णनगरी में मिल्क बूथ स्थापित कराने को कहा गया।
यमुना सिटी में खुलेगा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का ऑफिस
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में परिवहन विभाग का दफ्तर खुलेगा। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी। नोएडा के सेक्टर-33 में परिवहन विभाग का दफ्तर है। यह दफ्तर अस्थायी रूप से यहां पर चल रहा है। इसमें विजिटर्स के लिए टॉयलेट, अधिक वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग, जनसुविधा केंद्र समेत अन्य कमियां हैं। प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बीएन सिंह के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय सेक्टर-6 से शिफ्ट होने के बाद इस जगह पर परिवहन विभाग का दफ्तर शुरू करने का विकल्प है। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का एक दफ्तर शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परिवहन संबंधी काम के लिए नोएडा आने की जरूरत नहीं होगी। पहले ग्रेटर नोएडा में परिवहन विभाग कार्यालय के लिए जमीन तलाशी जा रही थी।