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सीबीआई जांच के दायरे में आए सुपरटेक,ओसिस और जेपी ग्रुप के प्रोजेक्ट,क्या है मामला

सीबीआई ने पिछले सप्ताह यीडा को औपचारिक पत्र भेजकर प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी। इन दस्तावेजों में भूमि आवंटन से संबंधित फाइलें,लीज डीड,स्वीकृत भवन योजना,भुगतान रिकॉर्ड,बिल्डरों और प्राधिकरण के बीच हुए पत्राचार शामिल रहे।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाWed, 14 May 2025 05:47 AM
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सीबीआई जांच के दायरे में आए सुपरटेक,ओसिस और जेपी ग्रुप के प्रोजेक्ट,क्या है मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिल्डर और बैंक गठजोड़ की जांच तेज कर दी है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-17ए स्थित सुपरटेक की अपकंट्री, सेक्टर- 22डी स्थित ओसिस रियलटेक की ट्रैंडस्टैंड और जेपी ग्रुप की कोव और कासिया परियोजनाएं जांच के दायरे में आ गई हैं। प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबवेंशन स्कीम में सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा यह जांच की जा रही है।

सीबीआई ने पिछले सप्ताह यीडा को औपचारिक पत्र भेजकर प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी। इन दस्तावेजों में भूमि आवंटन से संबंधित फाइलें,लीज डीड,स्वीकृत भवन योजना,भुगतान रिकॉर्ड,बिल्डरों और प्राधिकरण के बीच हुए पत्राचार शामिल रहे। अब सीबीआई की जांच के दायरे में क्षेत्र की प्रमुख आवासीय परियोजनाएं हैं।

बताया जाता है कि प्राधिकरण से सीबीआई को जो प्रपत्र प्राप्त हुए हैं,उनमें सुपरटेक,ओसिस और जेपी के लेनदेन की भूमिका पर सवाल खड़े हुए हैं। प्राधिकरण से इन तीनों बिल्डर परियोजना से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है। फिलहाल सीबीआई की टीम प्रपत्रों की जांच में जुटी हुई है। आशंका है कि क्षेत्र की अन्य परियोजनाओं में भी कमी पाई जा सकती है। ऐसे में क्षेत्र के बिल्डरों की परेशानी बढ़ सकती है। घर खरीदारों को भी अपने फ्लैट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा था कि बिल्डरों और बैंकों के बीच साठगांठ के कारण मासूम खरीदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अदालत ने इस मामले को देशभर में फैले एक बड़े रियल एस्टेट घोटाले की संज्ञा दी थी। इसके तहत सीबीआई को सात प्रारंभिक जांचें दर्ज करनी हैं। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम, गाजियाबाद और मुंबई जैसे महानगरों की परियोजनाएं शामिल हैं। जांच में सहयोग के लिए यूपी और हरियाणा सरकारों को पुलिस अधिकारियों की तैनाती के आदेश दिए गए हैं।