पाकिस्तान समर्थकों को चुन-चुनकर खोज रही हिमंत सरकार, अब तक 58 को भेजा सलाखों के पीछे
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर ‘‘पाकिस्तान के साथ सहानुभूति रखने’’ के आरोप में असम में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 58 हो गई है। शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग सोनितपुर जिले के हैं।
असम सीएन ने मंगलवार को कहा, ‘‘58 पाक समर्थक सलाखों के पीछे हैं।’’ शर्मा ने कहा कि ‘‘देशद्रोहियों’’ के खिलाफ राज्यव्यापी कार्रवाई जारी रहेगी और ‘‘किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’ मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम को पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका का ‘‘बचाव’’ करने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसमें अधिकांश पर्यटक थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पीएम मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे आतंकवाद छोड़ देना चाहिए या विनाश को गले लगा लेना चाहिए। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक असाधारण संदेश देकर देश को प्रेरित किया, निर्णायक नेतृत्व का प्रदर्शन किया और हर भारतीय की भावनाओं को बरकरार रखा।
पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति का बचाव करते हुए शर्मा ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना था और इसे छह मई की रात को ही सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘इसके बाद पाकिस्तान ने आतंकवादियों की ओर से जवाबी कार्रवाई की और भारत ने बहुत बहादुरी से उसका जवाब दिया। जब पाकिस्तान को एहसास हुआ कि अगर वे (संघर्ष) जारी रखेंगे तो उनका विनाश हो जाएगा, तब उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।’’