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पीएफटीआई ने श्रम विवादों में पुलिस हस्तक्षेप पर जताई चिंता, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

प्रोग्रेसीव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर श्रम विवादों में पुलिस के हस्तक्षेप पर चिंता जताई है। पीएफटीआई ने सुझाव दिया है कि सभी...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवThu, 22 May 2025 10:56 PM
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पीएफटीआई ने श्रम विवादों में पुलिस हस्तक्षेप पर जताई चिंता, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

गुरुग्राम,प्रमुख संवाददाता। प्रोग्रेसीव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) ने श्रम विवादों में पुलिस के अनावश्यक हस्तक्षेप को लेकर हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है। जनवरी 2025 में हुई उच्च स्तरीय बैठक के संदर्भ में है, जिसमें श्रमिकों से जुड़ी शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया में पुलिस की सीधी भागीदारी पर चिंता जताई गई थी। पीएफटीआई के चेयरमैन दीपक मैनी ने बताया कि फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत एवं यमुनानगर जैसे प्रमुख औद्योगिक जिलों में हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां श्रमिकों से जुड़े सामान्य श्रम विवादों में स्थानीय पुलिस की सीधी दखलंदाजी देखने को मिली।

ऐसे मामले प्राय: उस स्थिति में उत्पन्न होते हैं जब शिकायतकर्ता को श्रम विभाग की प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती और वह सीधे थाने पहुंच जाता है। पीएफटीआई ने इस हस्तक्षेप को औद्योगिक संचालन में बाधा, निवेशकों के विश्वास में कमी और श्रम विभाग की प्रक्रियाओं में गिरावट का कारण बताया है। संस्था ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 10 और 11 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि जब तक कोई संज्ञेय अपराध न हो, तब तक पुलिस की कोई वैधानिक भूमिका नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2023 में जारी एक समान निर्देश का उदाहरण देते हुए हरियाणा सरकार से भी वैसा ही स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पीएफटीआई ने चार मुख्य सुझाव रखे हैं । पहला सुझाव यह है कि मुख्यमंत्री सचिवालय से सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों को औपचारिक निर्देश जारी किया जाए जिससे स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो सके। दूसरे सुझाव के अंतर्गत यह मांग की गई है कि उद्यम सुगमता के सिद्धांतों के तहत प्रक्रियाओं को सरल व संस्थागत बनाना जाए। तीसरा सुझाव यह है कि श्रम विभाग के अंतर्गत एक निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना और अंतिम सुझाव के अनुसार जन जागरूकता प्रशिक्षण एवं समता निर्माण का कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों को प्रक्रिया के संबंध में जानकारी देने की व्यवस्था बनाई जाए। पीएफटीआई ने विश्वास जताया है कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में यह सुधार न केवल हरियाणा के औद्योगिक वातावरण को सुदृढ़ करेगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करेगा। पीएफटीआई के चेयरमैन दीपक मैनी ने बताया कि फेडरेशन की ओर से इस संबंध में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, गुरुग्राम के जिला उपायुक्त अजय कुमार, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा और श्रम विभाग हरियाणा के आयुक्त मनीराम शर्मा को भी पत्र लिखा है ।

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