AIIMS में इलाज के लिए रेफर होना होगा आसान, इंटर एम्स रेफरल पोर्ट की शुरुआत
एम्स में इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर होने की प्रक्रिया और आसान हो गई है। इसके लिए इंटर-एम्स रेफरल पोर्ट नाम का नया ऑनलाइन सिस्टम शुरू कर दिया गया है।

एम्स में इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भेजे जाने (रेफर होने) की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंटर-एम्स रेफरल पोर्ट नाम का नया ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया है। मंगलवार को इसकी शुरुआत हुई। इस पोर्टल की मदद से एम्स के डॉक्टर अब मरीजों को एक एम्स से दूसरे एम्स में भेजने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और तेजी से कर सकेंगे।
इसमें नई तकनीक जैसे फेस पहचान और ऑटोमैटिक प्रोसेस का इस्तेमाल होगा, जिससे मरीजों को कम इंतजार करना पड़ेगा और काम में गलती भी नहीं होगी। शुरुआत में यह सिस्टम एम्स दिल्ली और एम्स बिलासपुर के बीच लागू किया गया है।
यदि यह ठीक से काम करता है, तो जल्द ही देश के सभी एम्स अस्पतालों में इसे शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, जो मरीज दूर से आकर इलाज कराते हैं, उनके लिए ‘विश्राम सदन’ में ठहरने की ऑनलाइन बुकिंग भी इसी सिस्टम से की जा सकेगी। इससे मरीजों को सस्ता और अच्छा ठहरने का इंतजाम मिल सकेगा।
इस कदम से वेटिंग में कमी आएगी। साथ ही मैनुअल गलतियां भी कम होंगी। इससे रेफरल प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, मेडिकल स्टॉफ को स्लॉट बुकिंग एवं अन्य क्षमताएं हासिल होंगी। यह सिस्टम रोगियों को समय पर बेहतर मेडिकल देखभाल मिले। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस पहल के जरिए सभी के लिए सुलभ स्वास्थ्य सेवा का मकसद है। यह पहल स्वास्थ्य सेवा में पारदर्शिता के लिए सरकार की मंशा को दिखाती है।