Man gets lifer for minor rape by delhi court लड़की उसे चाचा कहती थी, लेकिन...; कोर्ट ने नाबालिग से रेप कर गर्भवती बनाने वाले को सुनाया उम्रकैद, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Man gets lifer for minor rape by delhi court

लड़की उसे चाचा कहती थी, लेकिन...; कोर्ट ने नाबालिग से रेप कर गर्भवती बनाने वाले को सुनाया उम्रकैद

दिल्ली के एक कोर्ट ने 15 साल की लड़की से बार-बार रेप कर उसे गर्भवती बनाने के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि लड़की उसे चाचा कहती थी, लेकिन उसने उसे अकेला पाकर एक बार सितंबर में और फिर दिसंबर 2023 में उसके साथ रेप किया।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीThu, 13 March 2025 07:05 PM
share Share
Follow Us on
लड़की उसे चाचा कहती थी, लेकिन...; कोर्ट ने नाबालिग से रेप कर गर्भवती बनाने वाले को सुनाया उम्रकैद

दिल्ली के एक कोर्ट ने 15 साल की लड़की से बार-बार रेप कर उसे गर्भवती बनाने के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि लड़की उसे चाचा कहती थी, लेकिन उसने उसे अकेला पाकर एक बार सितंबर में और फिर दिसंबर 2023 में उसके साथ रेप किया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता से पैदा हुए बच्चे को गोद लेने के लिए एजेंसी को दे दिया गया है।

दिल्ली की एक अदालत ने 15 साल की लड़की से रेप करने के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि इस अपराध के लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया ने आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) (बार-बार बलात्कार) और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत व्यक्ति को दोषी ठहराया था।

विशेष सरकारी वकील श्रवण कुमार बिश्नोई ने दलील दी कि दोषी को किसी भी तरह की नरमी नहीं मिलनी चाहिए। कहा कि रेप के कारण पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। पीड़िता की गवाही का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि लड़की उस व्यक्ति को चाचा कहती थी, लेकिन उसने उसे अकेला पाकर दो बार- एक बार सितंबर में और फिर दिसंबर 2023 में उसका यौन उत्पीड़न किया।

अदालत ने कहा कि दोषी को इस बात की परवाह नहीं थी कि पीड़िता उसे चाचा कहती थी या वह उसके पड़ोसी की बेटी थी। हमारी भारतीय संस्कृति में जब माता-पिता कहीं जाते हैं, तो वे अपने पड़ोसियों से अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए कहते हैं। दोषी ने उस भरोसे को तोड़ा और विश्वासघात किया, जिससे अपराध और भी गंभीर हो गया।

अदालत ने 10 मार्च को अपने फैसले में कहा कि नाबालिगों के साथ रेप एक जघन्य अपराध है। बच्चे किसी भी समाज की सबसे कीमती संपत्ति होते हैं। समाज का यह कर्तव्य है कि वह न केवल उन्हें यौन हिंसा और उत्पीड़न से बचाए बल्कि उन्हें एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करे, जहां वे फल-फूल सकें।

अदालत ने कहा कि पीड़िता के अकेले होने का फायदा उठाकर दोषी ने बार-बार अपनी हवस बुझाई। पीड़िता से पैदा हुए बच्चे को गोद लेने के लिए विशेष दत्तक एजेंसी को दे दिया गया है। इस प्रकार, न केवल पीड़िता और उसका परिवार बल्कि पीड़िता से पैदा हुआ बच्चा भी दोषी के अपराध का शिकार है।

अदालत ने कहा कि मामले में गंभीर परिस्थितियां, कम करने वाली परिस्थितियों से कहीं अधिक थीं। दोषी कोर्ट द्वारा नरम रुख अपनाने के लिए पर्याप्त कारण दिखाने में पूरी तरह विफल रहा। अदालत ने पीड़ित को 19.5 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया।