महिला हेलिकॉप्टर पायलट ने उड़ान भर कमांडो को बचाया
गढ़चिरौली में नक्सल मुठभेड़ के दौरान मुठभेड़ स्थल से घायल कमांडो को निकाला पायलट

गढ़चिरौली, एजेंसियां। एक बहादुर महिला हेलिकॉप्टर पायलट ने तीन दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर एक घायल पुलिस कमांडो को निकाल लिया। एक अधिकारी ने बताया कि कैप्टन रीना वरुघीस की बहादुरी ने गढ़चिरौली पुलिस की कुलीन सी-60 इकाई के कमांडो कुमोद आत्राम की जान बचाने में मदद की। यह साहसी कार्य 21 अक्तूबर को गढ़चिरौली जिले के कोपरशी जंगलों में एक मुठभेड़ के दौरान हुआ, जिसमें स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की एक संयुक्त टीम ने 38 लाख रुपये के इनाम वाले पांच नक्सलियों को मार गिराया।
पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि सी-60 की 21 टीमें (नक्सल विरोधी इकाई) और सीआरपीएफ की त्वरित कार्रवाई टीम (क्यूएटी) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में जंगली इलाके में दो अलग-अलग स्थानों पर मुठभेड़ हुई। आईपीएस अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान आत्राम को दो गोलियां लगीं और उन्हें तुरंत निकालने की जरूरत थी। एसपी ने कहा कि निकासी के लिए एसओएस कॉल का जवाब देते हुए, डॉफिन-एन पवन हंस हेलीकॉप्टर की पायलट कैप्टन वरुघीस गढ़चिरौली से सीधे ग्राउंड जीरो पर पहुंची।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी किए जाने और खतरनाक स्थिति का फायदा उठाने का खतरा था। कैप्टन वरुघीस ने कहा कि ग्राउंड जीरो पर पहुंचने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि असमान, चट्टानी और जंगली इलाके के कारण हेलीकॉप्टर अच्छी लैंडिंग नहीं कर सकता। कैप्टन वरुघीस ने मौके पर मौजूद अन्य कमांडो की मदद से घायल जवान को तेजी से उठाया और हेलीकॉप्टर में रख तेजी से आगे बढ़ गई।
नीलोत्पल ने बताया कि आत्राम को गढ़चिरौली से करीब 175 किलोमीटर दूर नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कमांडो का बुधवार को ऑपरेशन किया गया और अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
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